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15 अगस्त पर हिंदी में भाषण (15 August Speech In Hindi): स्वतंत्रता दिवस पर 10 मिनट, 5 मिनट और 750 शब्दों में भाषण

15 अगस्त पर हिंदी में भाषण (15 August Speech In Hindi): हर साल 15 अगस्त को हर भारतीय स्वतंत्रता दिवस मनाता है। इसी दिन 1947 में हमें अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी। यह आजादी के लिए बलिदान देने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करने का दिन है। 

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15 अगस्त पर हिंदी में भाषण (15 August Speech In Hindi): हर साल 15 अगस्त को हर भारतीय स्वतंत्रता दिवस (Swatantrata Diwas in Hindi) मनाता है। इसी दिन 1947 में हमें अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी। यह आजादी के लिए बलिदान देने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करने का दिन है। भारत में यह दिन बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन भारत की राजधानी दिल्ली में लाल किला से देश के प्रधानमंत्री का देश के नाम संबोधन होता है। देश की आजादी के बाद से हर साल इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। 15 अगस्त के दिन भारत के सभी स्कूलों, कॉलेजों में भाषण और निबंध आदि का आयोजन किया जाता है।  स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अगर आप अपने विचार व्यक्त करना चाहते हैं और स्वतंत्रता दिवस पर भाषण (Independence Day Speech in Hindi) की तैयारी करना चाहते हैं तो आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। इससे आपको 15 अगस्त पर स्पीच (15 August Speech in Hindi) की तैयारी में मदद मिलेगा।

15 अगस्त पर हिंदी में भाषण (15 August ke Liye Bhasan) कैसे लिखें, इसे आपको कोई परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि इस लेख के माध्यम से हमने एक छोटी से कोशिश की है कि हिन्दी में स्वतंत्रता दिवस पर भाषण (Independence Day Speech in Hindi) कैसे लिखा और बोला जायें जाए। यहां दिये गये आर्टिकल के द्वारा आप 15 अगस्त पर हिंदी में भाषण (15 August par Hindi me Bhasan) सीख सकते है।

ये भी पढ़ें: - शिक्षक दिवस पर भाषण

स्वतंत्रता दिवस पर भाषण (Independence Day Speech)  

आदरणीय अतिथि महोदय, प्रधानाचार्यजी, अध्यापकगण, अभिभावक और मेरे प्यारे सहपाठियों, जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आज हम यहां अपने देश का 77वां स्वतंत्रता दिवस (77th Swatantrata Diwas) मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। सबसे पहले मैं आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई देता हूं। 15 अगस्त भारत का राष्ट्रीय पर्व है। एक लंबी लड़ाई के बाद भारत को इसी दिन यानी 15 अगस्त वर्ष 1947 को ब्रिटिश शासन (British Rule on India) से आजादी मिली थी और भारत दुनिया के नक्शे पर एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उभरा था। तभी से हर भारतवासी इस दिन को "स्वतंत्रता दिवस"के रूप में धूम-धाम और हर्षोउल्लास से मनाते है।​

15 अगस्त 1947 को भारत के इतिहास को स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया। इसी दिन देश के आजाद होने पर भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर झंडा फहराया था। तभी से प्रत्येक वर्ष देश के प्रधानमंत्री लाल  किले पर झंडा फहराते हैं, राष्ट्रगान गाते हैं और सभी शहीद स्वतंत्रता सेनानियों को 21 तोपों से श्रद्धांजलि दी जाती है। देश के प्रधानमंत्री हर साल देशवासियों को संबोधित करते हैं और सेना द्वारा अपना शक्ति प्रदर्शन और परेड मार्च करते हैं। स्वतंत्रता दिवस के दिन सभी भारतवासियों के मन में देशभक्ति की भावना के साथ पूर्ण जोश रहता है। हमारा भारत देश करीब 200 वर्षों तक ब्रिटिश शासन के अधीन रहा है। देश को आजाद कराने के लिए हमारे देश के बहुत से स्वतंत्रता सेनानियों ने बलिदान दिए हैं।

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस (15 August Swatantrata Diwas) के दिन देश के सभी विद्यालय, कॉलेज, संस्थान, बाजार, कार्यालय और कारखाने आदि बंद रहते हैं। इस दिन सरकारी छुट्टी होती है। जगह-जगह पर झंडा फहराया जाता है। स्कूलों, कॉलेजों आदि में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें सभी छात्र-छात्राएं भाग लेते हैं और देशभक्ति के गीत गाते हैं, कोई कविता सुनाता है तो कोई सांस्कृतिक गीतों पर नृत्य करते हैं। दोस्तों, आपको बता दूं, गुलामी के समय भारतीयों को किसी भी सरकारी संस्था के उच्च पद नहीं रखा जाता था। आजादी के पहले तक सभी उच्च पद अंग्रेजों को दिए जाते थे। आपको बता दें कि, देश में अंग्रेजों का आगमन व्यापार के उद्देश्य को लेकर हुआ था, लेकिन जब अंग्रेजों ने देखा की देश तो पूरी तरह से बंटा हुआ है यहां के लोग जाति और धर्म के नाम पर एक दूसरे को मरने मारने पर उतारू हैं। यह देख अंग्रेजों ने सोचा कि क्यों न इस परिस्थिति का लाभ उठाया जाए। अंग्रेजों ने आपस में देश के विभिन्न राज्यों के राजाओं को लड़वाया और अपना शासन स्थापित करने में कामयाब रहे। करीब 200 साल की लड़ाई के बाद देश फिर से आजाद हुआ।

आज का भारत बहुत से क्षेत्रों में विकसित है। तकनीक का क्षेत्र हो, मेडिकल का क्षेत्र हो , कृषि क्षेत्र या अन्य कोई क्षेत्र हो, भारत सभी क्षेत्रों में लगातार विस्तार कर रहा है। हमारा देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र के रूप में जाना जाता है। हमारे देश की सशस्त्र सेना बल बहुत मजबूत है, साथ ही हमारा देश अब दुनिया की परमाणु शक्ति संपन्न देषों में से एक बन गया है।

हालांकि, हम कई और चुनौतियों का भी सामना कर रहें है जैसे गरीबी, असमानता और सामाजिक अन्याय हमारे समाज को लगातार कमजोर कर रहे हैं, ऐसे में हमें इन मुद्दों के समाधान के लिए अपने प्रयासों को दोगुना करना चाहिए। हमें जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और पर्यावरणीय गिरावट से उत्पन्न चुनौतियों का भी समाधान करना चाहिए। इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए हमें एक साथ काम करने और एक समग्र दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। जय हिंद...जय भारत। 

15 अगस्त पर 10 मिनट का भाषण (Swatantrata Diwas par 10 Minute ka Hindi me Bhashan)

प्रिय प्रधानाचार्य महोदय, आदरणीय शिक्षकगण, और मेरे प्रिय साथियों,

आज हम सभी यहां 15 अगस्त के पावन अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह दिन भारत के इतिहास में अत्यधिक महत्वपूर्ण और गर्व का दिन है क्योंकि इसी दिन 1947 में हमारे देश ने अंग्रेजी हुकूमत से स्वतंत्रता (Independence From English Rule) प्राप्त की थी। यह दिन हमें न केवल स्वतंत्रता संग्राम के वीर सेनानियों के बलिदानों की याद दिलाता है, बल्कि हमें उनके संघर्ष, त्याग, और बलिदान की प्रेरणा भी देता है। यह हमारे देश के उन अनगिनत सपूतों की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर हमें आज़ादी दिलाई।

स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास:
भारत की स्वतंत्रता का संघर्ष (India's Struggle for Independence) एक लंबी और कठिन यात्रा थी। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (First War of Independence of 1857) से लेकर 1947 तक, यह संघर्ष कई चरणों से गुजरा। पहले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम (Indian Freedom Struggle) में मंगल पांडे जैसे वीर सेनानियों ने अपने साहस का परिचय दिया, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह की चिंगारी को प्रज्वलित किया। इसके बाद बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, और बिपिन चंद्र पाल जैसे नेताओं ने जन-जन में राष्ट्रवादी चेतना का संचार किया। "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है" (Swaraj is my birthright) का उद्घोष करते हुए तिलक ने देशवासियों को अंग्रेजों के खिलाफ संगठित होने का आह्वान किया। महात्मा गांधी के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम ने एक नया मोड़ लिया। गांधी जी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को एकजुट किया। उनके नेतृत्व में 1920 में असहयोग आंदोलन, 1930 में नमक सत्याग्रह और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन जैसे महत्वपूर्ण आंदोलन हुए। गांधी जी के अहिंसक आंदोलन ने न केवल देश में अपार जनसमर्थन प्राप्त किया, बल्कि अंग्रेजी हुकूमत को भी घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।

15 अगस्त 1947 का वह ऐतिहासिक दिन:
15 अगस्त 1947 का दिन हमारे इतिहास का एक स्वर्णिम पृष्ठ है। इसी दिन भारत ने लगभग 200 वर्षों की गुलामी के बाद स्वतंत्रता की सांस ली थी। इस दिन हमारे देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले से तिरंगा फहराया और 'भारत के भाग्य विधाता' के रूप में एक नए युग की शुरुआत की। उनका वह ऐतिहासिक भाषण 'ट्रिस्ट विद डेस्टिनी' (tryst with destiny) आज भी हमारे हृदय में गूंजता है, जिसमें उन्होंने कहा था, "हमारा देश जाग रहा है, हमारा देश स्वतंत्र हो गया है।"

स्वतंत्रता के बाद की देश के सामने चुनौतियां:
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत के सामने अनेक चुनौतियां थीं। विभाजन के कारण लाखों लोग बेघर हो गए थे, और सांप्रदायिक दंगों ने देश को झकझोर दिया था। अर्थव्यवस्था बदहाल थी और अशिक्षा, गरीबी, और बेरोजगारी जैसी समस्याएँ सिर उठाए खड़ी थीं। लेकिन हमारे नेताओं ने अपने अदम्य साहस और धैर्य से इन चुनौतियों का सामना किया। हमारे संविधान निर्माताओं ने एक सशक्त और लोकतांत्रिक संविधान का निर्माण किया, जिसने हमें एक मजबूत लोकतांत्रिक देश के रूप में स्थापित किया।

स्वतंत्रता के बाद की हमारी प्रगति:
स्वतंत्रता के बाद के 76 वर्षों में भारत ने अनेक क्षेत्रों में अद्वितीय प्रगति की है। कृषि, उद्योग, विज्ञान, तकनीक, और शिक्षा के क्षेत्र में हमने उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। हरित क्रांति, श्वेत क्रांति, और आईटी क्रांति ने हमारे देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान और मंगलयान जैसी मिशनों के जरिए दुनिया को अपनी क्षमताओं का लोहा मनवाया।
आर्थिक सुधारों और वैश्वीकरण के दौर में भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई। हमारा देश आज विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। शिक्षा के क्षेत्र में भी हमने महत्वपूर्ण प्रगति की है। आज हमारे देश के युवा दुनिया भर में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे हैं।

देश में समाज और संस्कृति में बदलाव:
स्वतंत्रता के बाद भारत ने समाज और संस्कृति के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन देखे हैं। महिलाओं के अधिकार, सामाजिक न्याय, और समानता के मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया। जातिवाद, भेदभाव, और अस्पृश्यता जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ सशक्त कानून बनाए गए। हमारे समाज में जागरूकता और शिक्षा के प्रसार ने सामाजिक सुधारों की गति को तेज किया है।

देश के प्रति हमारी जिम्मेदारियां:
आज, जब हम स्वतंत्रता के इस महान दिवस का जश्न मना रहे हैं, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह स्वतंत्रता हमें आसानी से नहीं मिली है। इसके लिए हमारे पूर्वजों ने अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया था। इस स्वतंत्रता को बनाए रखना और इसे और सशक्त करना हमारी जिम्मेदारी है। देश के नागरिक के रूप में हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि हम अपने कर्तव्यों का पालन करें। हमें अपने देश के संविधान का सम्मान करना चाहिए, कानून का पालन करना चाहिए, और देश की अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए सतर्क रहना चाहिए। हमें सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ना चाहिए, और देश के विकास में योगदान देना चाहिए।

समाज में हमारी यानी हर नागरिक की भूमिका:
हमारा देश आज भी कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी, और भ्रष्टाचार जैसी समस्याएँ आज भी हमारे सामने हैं। हमें इन चुनौतियों का सामना करने के लिए एकजुट होना होगा। हमारे देश के युवा हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं। हमें अपने युवाओं को शिक्षा और कौशल के माध्यम से सशक्त करना होगा ताकि वे देश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। हमारा कर्तव्य है कि हम देश की एकता और अखंडता को बनाए रखें। हमें धर्म, जाति, और भाषा के आधार पर किसी भी प्रकार के विभाजन का विरोध करना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारा देश सामाजिक और आर्थिक न्याय की दिशा में निरंतर आगे बढ़े।

 नये भारत का सपना:
आज हमें एक नवीन भारत के निर्माण का संकल्प लेना होगा। एक ऐसा भारत जहाँ कोई भूखा न हो, जहाँ सभी को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का अधिकार हो। एक ऐसा भारत जहाँ विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में हम विश्व में अग्रणी बनें, और जहाँ सभी नागरिकों को समान अवसर प्राप्त हो। हमारा देश विविधता में एकता का प्रतीक है। हमें इस विविधता को बनाए रखते हुए एक मजबूत और सशक्त राष्ट्र का निर्माण करना होगा। हमें अपने सांस्कृतिक धरोहरों और मूल्यों को संजोए रखना होगा और उन्हें आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाना होगा।

उपसंहार:
अंत में, मैं कहना चाहूँगा कि 15 अगस्त केवल एक तिथि नहीं है, यह हमारे लिए एक प्रतीक है—स्वतंत्रता, त्याग, बलिदान, और नई उम्मीदों का प्रतीक। यह दिन हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता का मूल्य क्या है और इसे बनाए रखने के लिए हमें सतत प्रयास करना चाहिए।

आइए, हम सभी मिलकर अपने राष्ट्र की प्रगति, शांति, और समृद्धि के लिए कार्य करें। हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने के लिए संकल्प लें और अपने देश को दुनिया में एक सशक्त और आदर्श राष्ट्र के रूप में स्थापित करें।
जय हिंद!

इसे भी पढ़ें: गणतंत्र दिवस 2024 पर भाषण

15 अगस्त पर 5 मिनट के लिए भाषण (Swatantrata Diwas par 5 minutes ka Hindi me Bhashan)

आदरणीय अध्यापक, अभिभावक और मेरे सभी प्यारे साथियों, आज 15 अगस्त है, यानी हर भारतीय के लिए स्वतंत्रता दिवस। आज ही के दिन 1947 में हमारा देश ब्रिटिश हुकुमत से आजाद हुआ था। इस महान अवसर को मनाने के लिए आज हमलोग यहां इकठ्ठा हुए हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि स्वतंत्रता दिवस हम सभी के लिए एक बहुत ही मंगल अवसर है। ये सभी भारतीय नागरिकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है, और ये इतिहास में सदा के लिए उल्लिखित हो चुका है। ये वो दिन है जब भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों की वर्षों की कड़ी तपस्या और संघर्ष के बाद अंग्रेजी हुकुमत से हमें आजादी मिली है। भारत की आजादी के पहले दिन को याद करने के लिए हम हर वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं, साथ ही साथ उन सभी महान नेताओं के बलिदानों को याद करते हैं, जिन्होंने भारत की आजादी के लिए अपनी आहुति दी थी।

आजादी के बाद हमें अपने राष्ट्र में सारे मूलभूत अधिकार मिले हैं। हमें हमेशा अपने भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए और अपने सौभाग्य की प्रशंसा करनी चाहिए कि हम आजाद भारत की भूमि में पैदा हुए हैं। हम यहां बैठ कर इसकी कल्पना नहीं कर सकते कि ब्रिटीश शासन से आजादी कितनी मुश्किल थी। इसने अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन का बलिदान और 1857 से 1947 तक कई दशकों का संघर्ष लिया है। भारत की आजादी के लिए अंग्रेजों के खिलाफ सबसे पहले आवाज ब्रिटीश सेना में काम करने वाले सैनिक मंगल पांडे ने उठाई थी।

बाद में कई महान स्वतंत्रता सेनानियों ने संघर्ष किया और अपने पूरे जीवन को आजादी के लिए दे दिया। हम सब कभी भी भगत सिंह, खुदीराम बोस और चन्द्रशेखर आजाद को नहीं भूल सकते हैं, जिन्होंने बहुत कम उम्र में देश के लिए लड़ते हुए अपनी जान गवां दी। हम नेताजी और गांधी जी के संघर्षों को कभी दरकिनार नहीं कर सकते हैं। गांधी जी जिन्हें हम बापू के नाम से भी संबोधित करते हैं, एक महान व्यक्तित्व थे, जिन्होंने भारतीयों को अहिंसा का पाठ पढ़ाया था।

हमारा देश आज तेजी से तकनीक, शिक्षा, खेल, वित्त और कई दूसरे क्षेत्रों में विकास कर रहा है। भारत आज परमाणु ऊर्जा में समृद्ध देशों में है। आज हमारा देश ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स जैसे खेलों में भी सक्रिय रूप से भागीदार है। आजादी के कारण ही आज हम अपना खुद की सरकार को चुनते हैं, जो हमारे देश के विकास के लिए काम करती है। देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हर आपात स्थिति के साथ देश को आगे बढ़ाने के लिए हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए। जय हिंद...जय भारत।

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15 अगस्त पर 750 शब्दों में भाषण (Swatantrata Diwas par 750 Sabdon me Hindi me Bhashan)

15 अगस्त पर हिंदी में भाषण (15 august speech in hindi) के लिए देशभर के स्कूलों में प्रतियोगिता रखा जाता है। जिसमें 15 अगस्त पर हिंदी में भाषण देने के लिए छात्र-छात्राएं बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। स्वतंत्रता दिवस पर भाषण (independence day speech in hindi) में हम देश के महान विभूतियों को याद करने के साथ 15 अगस्त पर स्पीच (15 august par speech) के दौरान देश की प्रगति और आने वाले भविष्य का परिकल्पना भी करते हैं। छात्रों का समझ के लिए हम यहां 750 शब्दों में नीचे एक भाषण का प्रारूप दे रहे हैं। इससे छात्रों के अपना स्वतंत्रता दिवस पर भाषण (speech on independence day in Hindi) लिखने और बोलने में मदद मिलेगी। 

प्रिय सम्मानित अतिथि, आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्रिय मित्रों,

आज हम यहाँ 15 अगस्त के पावन अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह दिन हर भारतीय के लिए अत्यंत गर्व और सम्मान का प्रतीक है। 15 अगस्त 1947 को हमारा देश ब्रिटिश शासन से स्वतंत्र हुआ था, और इस दिन का महत्व हमारे हृदयों में सदा के लिए अंकित है।

आजादी का यह उत्सव हमें उन वीर स्वतंत्रता सेनानियों की याद दिलाता है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें स्वतंत्रता दिलाई। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और अनगिनत अन्य महान विभूतियों ने अपने संघर्ष और बलिदान से हमें आजादी दिलाई। उनके त्याग और समर्पण को हम कभी नहीं भुला सकते।

आजादी के बाद, भारत ने विकास की नई ऊँचाइयों को छुआ है। हमने विज्ञान, तकनीक, चिकित्सा, शिक्षा और कई अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान और मंगलयान जैसे मिशनों से विश्व में अपनी पहचान बनाई है। हमारे वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, इंजीनियरों और शिक्षाविदों ने विश्वभर में अपने कौशल का लोहा मनवाया है।

लेकिन यह सब कुछ आसान नहीं था। स्वतंत्रता के बाद हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। सामाजिक असमानता, गरीबी, अशिक्षा, और बेरोजगारी जैसी समस्याओं ने हमें कई बार रोका, लेकिन हमारे नेताओं और नागरिकों ने मिलकर इन चुनौतियों का सामना किया और देश को आगे बढ़ाया।

आज, जब हम 15 अगस्त का यह महोत्सव मना रहे हैं, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि स्वतंत्रता के साथ-साथ हमें जिम्मेदारियों का भी निर्वहन करना है। हमारा कर्तव्य है कि हम देश के विकास में अपना योगदान दें। हमें अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए देश की प्रगति में सहायक बनना चाहिए। शिक्षा, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक सेवा जैसे क्षेत्रों में हमें सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।

हमारे देश की विविधता उसकी सबसे बड़ी ताकत है। विभिन्न धर्म, भाषाएं, संस्कृतियां और परंपराएं हमारे देश की पहचान हैं। हमें इस विविधता का सम्मान करना चाहिए और आपसी भाईचारे और सद्भावना को बढ़ावा देना चाहिए। यही हमारी सच्ची स्वतंत्रता है।

आज के दिन हमें अपने संविधान का भी स्मरण करना चाहिए, जिसने हमें लोकतंत्र, समानता, स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार दिया है। हमारे संविधान ने हमें एक सशक्त और एकजुट भारत का सपना दिखाया है, जिसे हमें साकार करना है।

मित्रों, स्वतंत्रता दिवस हमें यह भी याद दिलाता है कि हमें अपने राष्ट्र के लिए सदैव समर्पित रहना चाहिए। हमें अपने इतिहास से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने भविष्य को सुनहरा बनाने के लिए कठिन परिश्रम करना चाहिए। हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए और उनके सपनों के भारत का निर्माण करना चाहिए।

आज हम उन सभी सैनिकों को भी नमन करते हैं जो हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं। उनकी वीरता और त्याग हमें सुरक्षित और स्वतंत्र महसूस कराते हैं। उनके प्रति हमारा आभार और सम्मान सदैव बना रहेगा।

अंत में, मैं यही कहना चाहूंगा कि स्वतंत्रता दिवस केवल एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमें पूरे वर्ष प्रेरणा देने वाला एक महत्वपूर्ण दिन है। हमें इस दिन की महत्वता को समझते हुए अपने देश के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए।

जय हिंद! जय भारत!

अच्छा भाषण देने के टिप्स (Tips to give a good speech)

  • अपने दर्शकों का एनालिसिस करें और उसी अनुसार से भाषण में शब्दों का चयन करें।
  • स्पीच देने से पहले कई बार प्रैक्टिस करें, ताकि जब आप भाषण दें तो आपको किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो और आप बिना रुके एक अच्छे फ्लो में भाषण दे सकें।
  • भाषण में फैक्ट को रखें, ताकि लोग आपकी की स्पीच से जुड़ा हुआ महसूस करें।
  • भाषण देने से पहले फैक्ट जैसे इतिहास सहित अन्य तथ्यों की जांच कर लें। अगर कोई गलती हो तो सुधार लें।
  • स्पीच में फ्रीडम फाइटर आदि के बारे में जिक्र जरूर करें।
अन्य टॉपिक पर भाषण या स्पीच लिखना सिखने के लिए अथवा एजुकेशन न्यूज़ हिंदी में पढ़ने के लिए CollegeDekho के साथ बने रहें!

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FAQs

भाषण में परिचय कैसे दिया जाता है?

एक अच्छे परिचय में श्रोताओं का ध्यान आकर्षित करना, विषय को बताना, विषय को प्रासंगिक बनाना, विश्वसनीयता स्थापित करना और मुख्य बिंदुओं का पूर्वावलोकन करना शामिल है। परिचय लिखित भाषण का अंतिम भाग होना चाहिए, क्योंकि वे अपेक्षाएँ निर्धारित करते हैं और उन्हें विषय-वस्तु से मेल खाना चाहिए।

15 अगस्त पर भाषण में अभिवादन कैसे शुरू करें?

"सुप्रभात/दोपहर/शाम: मैं (नाम) आज के लिए आपका वक्ता हूँ। मैं इस/../../ सुबह के कार्यक्रम में आपकी रुचि के लिए अग्रिम धन्यवाद देना चाहता हूँ। मुझे उम्मीद है कि मैं जो कहने जा रहा हूँ, वह आपको दिलचस्प/सूचनात्मक/स्पष्ट करने वाला लगेगा।"

15 अगस्त पर भाषण देते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

अच्छा भाषण देने के लिए इन टिप्स को ध्यान में रखें-

  • अपने दर्शकों का एनालिसिस करें और उसी हिसाब से भाषण में शब्दों का चयन करें।
  • स्पीच देने से पहले कई प्रैक्टिस करें, ताकि जब आप भाषण दें तो आपको किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो और आप बिना रुके एक फ्लो में भाषण दे सकें।
  • भाषण में फैक्ट को रखें, ताकि लोग आपकी की स्पीच से जुड़ा हुआ महसूस करें।
  • च में फ्रीडम फाइटर आदि के बारे में जिक्र जरूर करें।

15 अगस्त को कौन भाषण देता है? समाज के गणमान्य लोगों के अलावा, कार्या

समाज के गणमान्य लोगों के अलावा, कार्यालय के कर्मचारी व पदाधिकारी, छात्र व वरिष्ठ नागरिक 15 अगस्त को भाषण देते हैं। इस दिन कई जगहों पर वाद विवाद व भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें समाज के आम व्यक्ति प्रतियोगी बनकर हिस्सा लेते हैं। 

भाषण शुरू करने से पहले क्या बोले?

भाषण में थीसिस/अच्छे विचार का परिचय दें। श्रोताओं को बताएं कि उन्हें इस विषय पर क्यों ध्यान देना चाहिए। भाषण के मुख्य भाग में एक परिवर्तन कथन दीजिए।

भाषण की अच्छी शुरुआत कैसे हो सकती है?

कहानी के माध्यम से दर्शकों को आकर्षित करना भाषण शुरू करने के सबसे शक्तिशाली तरीकों में से एक है। एक अच्छी तरह से बताई गई कहानी दर्शकों को अपने मन की आँखों से चीजों को "देखने" और वक्ता की भावनाओं में शामिल होने की अनुमति देगी।

15 अगस्त क्यों मनाया जाता है?

भारत का स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाया जाता है। इस दिन हम उन वीर स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हैं जिन्होंने हमारी आज़ादी की लड़ाई में अपनी जान कुर्बान कर दी। 1947 में इसी दिन भारत पर ब्रिटिश संप्रभुता का अंत हुआ था।

15 अगस्त पर भाषण की शुरुआत कैसे करें?

भाषण देते समय हमेशा श्रोताओं का ध्यान रखना चाहिए। श्रोताओं और उनकी विविधता के बारे में जागरूक रहें। भाषण की शुरुआत श्रोताओं को आकर्षित करने वाली होनी चाहिए और उन्हें और अधिक सुनने के लिए प्रेरित करना चाहिए। यह श्रोताओं की रुचियों से संबंधित होना चाहिए।

15 अगस्त पर हिंदी में भाषण की शुरुआत कैसे करें?

15 अगस्त पर हिंदी में भाषण देने या लिखने से पहले आपको समझना होगा कि आप कहां भाषण दे रहे हैं। आप अगर स्कूल में भाषण दे रहे हैं तो आदरणीय अध्यापक, अभिभावक जैसे शब्दों के साथ शुरुआत कर सकते हैं। इसके बाद आजादी का महत्व और इतिहास के बारे में लिखें। इसमें उन महापुरुषों की जीवनी को भी शामिल कर सकते हैं, जिन्होंने आजादी के लिए अपना अमूल्य योगदान दिया है।

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Akshai Ram, Student / Alumni

Hello, I don't have much idea over Chandigarh University but as being an alumni of Lovely Professional University i would personally suggest each candidates who want to pursue their master in management programme. With an interdisciplinary curriculum, along with a variety of specializations like financial markets, international business, Management technology, etc. LPU offers the candidates with such a good opportunities. With a robust placement cell with the best industrial collaboration LPU ensure good placement benefits for their candidates as well. With such a good hand on learning experience and good scholarship benefits LPU offers students with the best curriculum benefits …

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I'm interested in M.Sc at LPU. What is the fees and how to apply?

-mamta kanwarUpdated on November 21, 2024 02:46 PM
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Akshai Ram, Student / Alumni

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i want addmission in cse dioplma

-deepakkumarUpdated on November 21, 2024 02:33 PM
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Rupsa, Content Team

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