शिक्षक दिवस पर निबंध (Essay on Teachers Day in Hindi): टीचर्स डे पर 200, 500 और 1000 शब्दों में हिंदी में निबंध लिखें

Shanta Kumar

Updated On: January 22, 2025 06:03 PM

शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi): भारत में प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। छात्र यहां 200 से 500 शब्दों में शिक्षक दिवाद पर हिंदी में निबंध देख सकते हैं। 
शिक्षक दिवस पर निबंध (Essay on Teachers Day in Hindi)

शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi): भारत एक ऐसा देश है, जहां शिक्षकों का दर्जा माता-पिता और भगवान से भी ऊपर है। प्राचीन काल में शिक्षक को "गुरू" कहा जाता था। गुरू वह व्यक्ति होता है जो हजारों छात्रों के जीवन को प्रकाशमय बनाता है। संस्कृत में गुरू का शाब्दिक अर्थ अंधकार को दूर करने वाला होता है। इसीलिए भारतीय परंपरा में गुरू को सर्वोच्च महत्व और सम्मान दिया जाता है। भारत के सभी कार्यालयों, विद्यालयों और निजी शिक्षण संस्थानों में प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस का आयोजन (Teacher's Day celebration in School) जाता है। शिक्षक दिवस के अवसर पर लोग अपने गुरूओं को याद करते हैं तथा उनके योगदान का व्याख्यान करते हैं और शिक्षक दिवस पर भाषण देते हैं। कई संस्थानों द्वारा विभिन्न तरह के प्रतियोगित जैसे वाद-विवाद प्रतियोगिता, निबंध लेखन प्रतियोगिता और भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। विद्यालयों में आम तौर पर शिक्षक दिवस पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Teacher's Day in 200 words in Hindi) या फिर शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन (Teachers Day Essay in Hindi in 10 Lines) में बोलने/लिखने के लिए कहा जाता है। शिक्षक के प्रति सम्मान को देखते हुए कई बार स्कूलों में छात्रों से शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में (Teachers Day Essay in Hindi) लिखने के लिए भी कहा जाता है। हमारे जीवन में कभी न कभी ऐसा समय जरूर आता है जब हमसे शिक्षक दिवस पर निबंध (Essay on Teachers Day in Hindi) लिखने या भाषण देने के लिए कहा जाता है।

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ऐसा देखा जाता है कि, स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को छुट्टियों पर शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में (Teachers Day Essay in Hindi) लिखकर लाने के लिए कहा जाता है। कई बार छात्रों से परीक्षा में भी शिक्षक दिवस पर निबंध (Essay on Teachers Day in Hindi) लिखने के लिए कहा जाता है। इसलिए, जरुरी है कि सभी को शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) हिंदी में लिखना जरूर आना चाहिए। शिक्षक दिवस पर निबंध (Essay on Teachers Day in Hindi) लिखते समय किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए, शिक्षक दिवस पर निबंध (Essay on Teachers Day in Hindi) कैसे तैयार करना चाहिए जिससे आपको परीक्षा में अधिक मार्क्स मिले, यहां बताया गया है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में (Teachers Day Essay in Hindi) कैसे लिखते हैं, जिससे आपके लिए शिक्षक दिवस पर निबंध (Essay on Teachers Day in Hindi) 200 से 500 शब्दों में लिखना आसान हो जाए।

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शिक्षक दिवस पर निबंध 200 शब्दों में (Teachers Day Essay in Hindi in 200 words)

जो भी छत्र 200 शब्दों में शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) लिखना चाहते हैं वे यहां से शिक्षक दिवस पर निबंध 200 शब्दों में (Teachers Day Essay in Hindi in 200 words) देख सकते हैं और उसके अनुसार अपना शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) तैयार कर सकते हैं।

शिक्षक दिवस पर निबंध (Essay on Teachers Day in Hindi) लिखना शुरू करने से पहले इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि इसमें कुछ श्लोक को जरूर जोड़ें जिससे इसकी महत्व बढ़ जाए।
1 - गुरूर्ब्रह्मा, गुरूर्विष्णु गुरूर्देवो महेश्वर:।
गुरूर्साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरूवे नम:।।
2 - ॥ॐ वेदाहि गुरू देवाय विद्महे परम गुरूवे धीमहि तन्नौ: गुरू: प्रचोदयात्॥

शिक्षक दिवस पर निबंध 200 शब्दों में (Teachers Day Essay in Hindi in 200 words) - ऐसे लिखें

एक बच्चे के जीवन में माता-पिता के बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति शिक्षक होता है। शिक्षकों को सबसे ऊंचा स्थान दिया गया है क्योंकि वे अपना पूरा जीवन छात्रों को शिक्षा प्रदान करने में बिताते हैं। प्राचीन काल से भारत में गुरू-शिष्य की परंपरा का महत्व देखा गया है। हमारी संस्कृति के निर्माण में गुरूओं का बहुत बड़ा योगदान रहा है। किसी बालक को शिक्षा प्रदान करके उसके जीवन का निर्माण करना और नई दिशा दिखाना एक शिक्षण का उद्देश्य होता है। भारत में गुरू के बिना ज्ञान अधूरी मानी जाती है। गुरू अपने छात्र के जीवन के साथ-साथ उसके चरित्र का निर्माण भी करते हैं। सभी के जीवन में उसकी पहली शिक्षक उसकी माँ होती है, जो कि न सिर्फ जन्म देती है बल्कि जीवन के आधार का ज्ञान भी देती है। जिस भांति कुम्हार मिट्टी से वस्तु का निर्माण करता है ठीक उसी भांति गुरू अपने शिष्य को शिक्षा प्रदान करके उसके चरित्र के साथ-साथ व्यक्तित्व का निर्माण भी करता है। गुरू के बिना मानव का जीवन अधूरा है। शिक्षक विद्यार्थियों का भविष्य बनाते हैं। वे एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए नई पीढ़ियों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी लेते हैं। किसी भी अन्य व्यवसाय की तुलना में शिक्षकों का कार्य सबसे महत्वपूर्ण है। उनमें अपने शिक्षण के माध्यम से कई छात्रों के जीवन को बदलने और इस प्रकार समाज पर प्रभाव डालने की शक्ति होती है। शिक्षक न केवल शैक्षणिक कौशल बल्कि छात्रों में कई कौशलों के विकास में भी मदद करते हैं। शिक्षक ज्ञान, अच्छे मूल्य, परंपरा, आधुनिक समय की चुनौतियाँ और उन्हें दूर करने के तरीके प्रदान करके शिक्षण को मज़ेदार बनाते हैं। गुरू न केवल स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करते हैं बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाते हैं।

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शिक्षक दिवस पर निबंध (Essay on Teachers Day in Hindi) - महत्वपूर्ण दोहे

गुरू गोविन्द दोऊ खड़े , काके लागू पाय |
बलिहारी गुरू आपने , गोविन्द दियो बताय ||

गुरू पारस को अन्तरो, जानत हैं सब सन्त।
वह लोहा कंचन करे, ये करि लये महन्त  ||

गुरू कुम्हार शिष कुंभ है, गढ़ि - गढ़ि काढ़ै खोट।
अन्तर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट॥

गुरू समान दाता नहीं, याचक शीष समान।
तीन लोक की सम्पदा, सो गुरू दीन्ही दान॥

गुरू बिन ज्ञान न उपजई, गुरू बिन मलई न मोश |
गुरू बिन लाखाई ना सत्य को, गुरू बिन मिटे ना दोष||

शिक्षक दिवस पर निबंध 500 शब्दों में (Teachers Day Essay in 500 Words in Hindi)

500 शब्दों में शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) लिखने के सहूक छात्र यहां से शिक्षक दिवस पर निबंध 500 शब्दों में (Teachers Day Essay in Hindi in 500 words) देख सकते हैं और उसके अनुसार अपना शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) तैयार कर सकते हैं।

शिक्षक दिवस पर हिंदी में निबंध (Essay on Teachers Day in Hindi) - 500 शब्दों में ऐसे लिखें

गुरूर्ब्रह्मा, गुरूर्विष्णु गुरूर्देवो महेश्वर:।
गुरूर्साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरूवे नम:।।

शिक्षक अपना जीवन शिष्यों के शिक्षा के लिए समर्पित कर देते हैं। गुरू अपने शिष्य के जीवन ही नहीं बल्कि उनके चरित्र का निर्माण करने में भी महत्वपूर्ण भुमिता हैं। बिना गुरू ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती। इसीलिए भारत में गुरू-शिष्य की परम्परा प्राचीन काल से चली आ रही है। माता-पिता के बाद से जीवन के आधार की ज्ञान प्राप्ति के बाद शिक्षक ही होते हैं जो छात्रों को व्यक्तिव का निर्णाम करते हैं। व्यक्तिव का निर्माण करना विशाल और बहुत ही कठिन कार्य है। गुरू अपने शिष्य को शिक्षा प्रदान करके उनके व्यक्तित्व और चरित्र का निर्माण करते है।

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टीचर्स डे पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) - शिक्षक दिवस का महत्व

विश्व शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है, लेकिन अलग-अलग देशों में शिक्षक दिवस अलग-अलग तारीखों पर मनाया जाता है। भारत में, शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। हर साल, भारत डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को योगदान और उपलब्धियों के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाता है। 5 सितंबर, 1888 को जन्मे डॉ. राधाकृष्णन ने न केवल भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया, बल्कि एक विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित भी थे।

एक गरीब तेलुगु ब्राह्मण परिवार में जन्मे राधाकृष्णन ने अपनी पूरी शिक्षा छात्रवृत्ति के माध्यम से पूरी की। उनके पास दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री थी और उन्होंने 1917 में 'द फिलॉसफी ऑफ रबींद्रनाथ टैगोर' पुस्तक लिखी। उन्होंने 1931 से 1936 तक आंध्र विश्वविद्यालय के कुलपति और 1939 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के कुलपति के रूप में भी कार्य किया।

वह स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे। 1962-67 के दौरान, जब वह भारत के राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा कर रहे थे, तब उनके छात्रों और दोस्तों ने उनसे उनका जन्मदिन मनाने का अनुरोध किया। जिस पर उन्होंने जवाब दिया, "मेरा जन्मदिन मनाने के बजाय, अगर 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो यह मेरा गौरवपूर्ण विशेषाधिकार होगा।" तभी से उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

टीचर्स डे पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) - शिक्षकों के बारे में जानकारी

एक शिक्षक का न केवल विद्यार्थी जीवन में बल्कि जीवन के हर चरण में महत्वपूर्ण स्थान होता है। वे जानते हैं कि हर किसी में ग्रहण करने की क्षमता एक जैसी नहीं होती, इसलिए एक शिक्षक अपने प्रत्येक छात्र की सभी क्षमताओं को देखता है और उसी तरह से बच्चों को पढ़ाता है। एक शिक्षक ज्ञान, समृद्धि और प्रकाश का एक महान श्रोता होता है, जिससे हम जीवन भर लाभ उठा सकते हैं। प्रत्येक शिक्षक अपने छात्रों को उनका रास्ता चुनने में मदद करता है। शिक्षक अपने विद्यार्थियों को बड़ों का सम्मान करना सिखाते हैं। वे अपने छात्रों को सम्मान और अपमान के बीच का अंतर और भी बहुत कुछ बताते हैं।

एक शिक्षक में कई गुण होते हैं जो हर छात्र के जीवन में विशेष स्थान रखते हैं। शिक्षक विभिन्न भूमिकाएँ निभाते हैं, जब हम दुखी होते हैं तो वे हमारे मित्र होते हैं, जब हम आहत होते हैं तो हमारे माता-पिता होते हैं और हमेशा अच्छे सलाहकार होते हैं। शिक्षक अपने छात्रों को उनके अच्छे काम के लिए सराहते हैं जबकि कभी-कभी गलती का एहसास होने पर उन्हें दंडित करते हुए समझाते हैं कि यह उनके जीवन के लिए सही नहीं है।

बच्चों का भविष्य और वर्तमान दोनों शिक्षक ही बनाते हैं। केवल एक शिक्षक ही जानता है कि उसका छात्र किस प्रकार की संगति में रहता है और किस प्रकार की संगति रखता है। शिक्षक महान आदर्श होते हैं। शिक्षक छात्रों के निर्णय को प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए, भारत के सबसे सम्माननीय राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने शिक्षक के कारण एक महान एयरोस्पेस इंजीनियर के रूप में अपना स्थान हासिल किया। न केवल शिक्षा के क्षेत्र में, बल्कि खेलों में भी ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां शिक्षकों ने खिलाड़ियों के करियर को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। इसका एक उल्लेखनीय उदाहरण महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर हैं, जो सफलता का श्रेय अपने कोच और शिक्षक, श्री रमाकांत आचरेकर को देते हैं। इस तरह, नृत्य, संगीत, अभिनय, कला, विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे कई उदाहरण हैं जहां शिक्षक अपने शिष्यों के जीवन को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

टीचर्स डे पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) - शिक्षकों के लिए सम्मान का महत्व

शिक्षकों का सम्मान करना महत्वपूर्ण है क्योंकि वे छात्रों में भावनात्मक बुद्धिमत्ता, समस्या-समाधान और सामाजिक कौशल के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षक अपने छात्रों के लिए रोल मॉडल के रूप में कार्य करते हैं, निष्ठा, सम्मान और ईमानदारी जैसे गुणों का अनुकरण करते हैं। जो छात्र सम्मानजनक और आज्ञाकारी होते हैं, वे स्कूल और कक्षा में नियमों का पालन करने, समय सीमा का पालन करने और सक्रिय रूप से कक्षा को सुनने की अधिक संभावना रखते हैं। इसलिए, सकारात्मक शिक्षण वातावरण विकसित करने के लिए अपने शिक्षक और सहपाठियों का सम्मान करना महत्वपूर्ण है।

शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) - शिक्षक दिवस की समारोह और आयोजन

भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। वह एक प्रसिद्ध विद्वान, भारत रत्न प्राप्तकर्ता, पहले उपराष्ट्रपति और स्वतंत्र भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे। उनका जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था। एक शिक्षाविद् के रूप में, वह शिक्षा के समर्थक थे, शिक्षाविद और सबसे बढ़कर एक महान शिक्षक थे। शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य पर विद्यालयों, विश्वविद्यालयों, शिक्षण संस्थानों और कार्यालयों में शिक्षक दिवस की समारोह का आयोजन करवाया जाता है।

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शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) - शिक्षक दिवस के अवसर पर भाषण

इस अवसर पर शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) और शिक्षक दिवस पर भाषण हिंदी में (teachers day speech in hindi) लिखने/बोलने की पतियोगिता आयोजित की जाती है। इसलिए सभी को शिक्षक दिवस की विशेषताओं के बारे में पता होना चाहिए जिससे उन्हें भाषण देने या निबंध लिखने में परेशानी न हो।

शिक्षा के महान गुरूओं की कहानियाँ (Stories of Great Teachers of Education)

सवित्री बाई फुले (Savitri Bai Phule)

ऐसे समय में जब महिलाओं की शिकायतें मुश्किल से ही सुनी जाती थीं, ब्रिटिश उपनिवेशित भारत में सोच के एक नए युग को बढ़ावा देने के लिए सावित्रीबाई फुले ने 19वीं सदी की सभी पारंपरिक रूढ़ियों को तोड़ दिया था। उनकी सीखने की प्यास से प्रभावित होकर, सावित्रीबाई के पति ज्योतिराव ने उन्हें पढ़ना और लिखना सिखाया। पढ़ाने का शौक होने के कारण, सावित्रीबाई ने अहमदनगर में सुश्री फ़रार संस्थान और पुणे में सुश्री मिशेल स्कूल में प्रशिक्षण लिया और पहली महिला शिक्षिका बनीं, जिन्होंने अपने समय की युवा लड़कियों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। ऐसे समय में जब महिलाओं के अधिकार लगभग न के बराबर थे, उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर पुणे के भिडे वाडा में पहला महिला स्कूल शुरू किया। यह 1848 का वर्ष था और महिला विद्यालय में विभिन्न जातियों की केवल आठ लड़कियाँ थीं। उस समय, लड़कियों के लिए शिक्षा को पाप माना जाता था, और स्कूल जाते समय, उन्हें रूढ़िवादी पुरुषों द्वारा नियमित रूप से परेशान किया जाता था, जो उन पर पत्थर, कीचड़, सड़े हुए अंडे, टमाटर, गाय का गोबर फेंकते थे। उसी वर्ष, उन्होंने महिलाओं के लिए अन्य स्कूलों की भी स्थापना की। उनके लिए, शिक्षा केवल वर्णानुक्रमिक शिक्षा नहीं थी, बल्कि मन का विकास था। उनके शिक्षण के नवीन तरीकों ने धीरे-धीरे आम लोगों को आकर्षित किया, क्योंकि 1849-50 के दौरान लड़कियों की संख्या 25 से बढ़कर 70 हो गई। 1851 तक, वह लगभग 150 महिला छात्रों के साथ तीन स्कूल चला रही थीं। बच्चों को स्कूल छोड़ने से रोकने के लिए, सावित्रीबाई ने उन्हें वजीफा देने की पेशकश की।

सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvepalli Radhakrishnan)

हम 1962 से सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन, 5 सितंबर को पूरे देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं। यह विनम्र सुझाव स्वयं डॉ. राधाकृष्णन की ओर से उस समय आया था जब वह देश के राष्ट्रपति थे। स्वतंत्रता के बाद, सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) में भारत का प्रतिनिधित्व किया और बाद में, उन्होंने सोवियत संघ में भारत के राजदूत के रूप में भी कार्य किया। 'ईश्वर की एक सार्वभौमिक वास्तविकता जो सभी लोगों के लिए प्रेम और ज्ञान को गले लगाती है' की धारणा को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने 1975 में टेम्पलटन पुरस्कार जीता। उन्होंने पुरस्कार की सारी राशि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को दान कर दी
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने भारत के प्रिय शिक्षक की याद में उनके नाम से एक छात्रवृत्ति की स्थापना की, जिसे 'राधाकृष्णन शेवेनिंग स्कॉलरशिप' के नाम से जाना जाता है। डॉ. राधाकृष्णन ने भारतीय दर्शन को विश्व मानचित्र पर स्थापित किया। उन्होंने बताया कि कैसे पश्चिमी दार्शनिक अपनी व्यापक संस्कृति के धार्मिक प्रभावों के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित थे।

शिक्षकों के लिए आदर्श और उदाहरण (Role Models and Examples for Teachers)

विनम्र रहना - शिक्षकों को हमेशा विनम्र रहना चाहिए और विनम्रता के साथ छात्रों को सिखाने की कोशिश करना चाहिए।
उन्हें अपने बारे में सोचने के लिए प्रोत्साहित करें - ऐसी गतिविधियाँ और चर्चाएँ करें जो बातचीत और खोज को बढ़ावा दें कि वे कौन हैं, और वे एक-दूसरे के बीच के अंतरों की सराहना कैसे कर सकते हैं।
वेशभूषा - टीचर का व्यक्तित्व प्रभावशाली होने के लिए उसका बाहरी स्वरूप अध्यापक के सम्मान ही होना आवश्यक है। इसलिए, अपनी वेशभूषा पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए।
सहानुभूति दिखाएं - जब हम शिक्षकों को रोल मॉडल के रूप में देखते हैं, तो हम सहानुभूतिपूर्ण गुरूओं की कल्पना करते हैं जो अपने छात्रों की बात सुनते हैं।

शिक्षक दिवस का संदेश और प्रेरणा (Teachers Day Message and Inspiration)

मेरे सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएँ! इस विशेष दिन पर, मुझे जीवन में एक बेहतर इंसान बनाने के लिए आपके द्वारा किए गए सभी प्रयासों के लिए मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूं। मेरा मार्गदर्शक बनने और मुझे जीवन का पाठ पढ़ाने के लिए धन्यवाद। मेरे सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएँ!

शिक्षक दिवस पर 1000 शब्दों में हिंदी में निबंध (Essay on Teacher's Day in Hindi in 1000 words)

शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay): शिक्षक दिवस, जो हर वर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है, भारत के शैक्षिक परंपरा और गुरू-शिष्य संबंध को सम्मान देने का एक महत्वपूर्ण दिन है। यह दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के रूप में मनाया जाता है। डॉ. राधाकृष्णन न केवल एक कुशल शिक्षक थे, बल्कि उन्होंने भारतीय संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उनके सम्मान में इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) - शिक्षक का महत्त्व

प्राचीन काल से ही भारत में गुरू-शिष्य परंपरा का विशेष महत्त्व रहा है। गुरू को माता-पिता के समान पूज्य माना गया है क्योंकि वे अपने शिष्यों को ज्ञान की रोशनी से आलोकित करते हैं। शिक्षक ही वह मार्गदर्शक होते हैं जो छात्रों को सही दिशा दिखाते हैं और उन्हें जीवन में सफलता की ओर अग्रसर करते हैं। एक शिक्षक न केवल विषयों का ज्ञान देता है, बल्कि वह छात्रों के व्यक्तित्व, नैतिकता, और समाज के प्रति जिम्मेदारी को भी आकार देता है।

शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) - शिक्षक दिवस का इतिहास

शिक्षक दिवस का आरंभ 1962 में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में हुआ था। एक बार उनके छात्रों और मित्रों ने उनसे उनकी जयंती मनाने की इच्छा व्यक्त की। डॉ. राधाकृष्णन ने विनम्रता से उत्तर दिया कि उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए, ताकि सभी शिक्षकों को सम्मानित किया जा सके। इस प्रकार, 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की परंपरा आरंभ हुई।

शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) - शिक्षक दिवस का महत्व

शिक्षक दिवस केवल एक सामान्य उत्सव नहीं है, बल्कि यह शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान व्यक्त करने का एक विशेष अवसर है। यह दिन शिक्षकों के अद्वितीय योगदान को सराहने का होता है, जिन्होंने समाज को दिशा दी और अनेक पीढ़ियों को शिक्षित किया। इस दिन स्कूल, कॉलेज, और अन्य शैक्षिक संस्थान विशेष कार्यक्रम आयोजित करते हैं, जहां छात्र अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं।

शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) - शिक्षक की भूमिका

शिक्षक न केवल एक पेशेवर होता है बल्कि समाज का मार्गदर्शक भी होता है। शिक्षक की भूमिका केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं होती, बल्कि वे छात्रों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य करते हैं। शिक्षक छात्रों को आत्मविश्वास से भरपूर और ज्ञानवान बनाते हैं, ताकि वे समाज में अच्छे नागरिक बन सकें।

आज के युग में शिक्षक की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है। इंटरनेट और तकनीकी विकास के कारण शिक्षा का स्वरूप बदल गया है, लेकिन एक शिक्षक का मार्गदर्शन और प्रेरणा कभी भी तकनीक से प्रतिस्थापित नहीं हो सकती। एक अच्छा शिक्षक छात्रों में सीखने की जिज्ञासा उत्पन्न करता है और उन्हें नवीनतम विचारों के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।

शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) - शिक्षक दिवस का उत्सव

शिक्षक दिवस के दिन स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन छात्र अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं और उन्हें उपहार स्वरूप में शुभकामनाएं देते हैं। कई स्कूलों में छात्र स्वयं शिक्षक बनते हैं और कक्षाओं का संचालन करते हैं। यह दिन छात्रों के लिए अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान और प्रेम व्यक्त करने का अवसर होता है।

शिक्षक दिवस पर शिक्षकों का सम्मान समारोह भी आयोजित किया जाता है, जिसमें उन्हें उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कृत किया जाता है। इस दिन शिक्षकों की महत्ता और उनके योगदान को याद किया जाता है।

शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) - शिक्षक का समाज में योगदान

शिक्षक समाज का निर्माण करते हैं। एक अच्छा शिक्षक अपने छात्रों को समाज की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है। वे न केवल शिक्षा प्रदान करते हैं, बल्कि नैतिकता, अनुशासन, और सामाजिक उत्तरदायित्व का पाठ भी पढ़ाते हैं। शिक्षक छात्रों को सही-गलत का भेद सिखाते हैं और उन्हें अपने आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।
शिक्षक समाज में परिवर्तन का कारक होते हैं। वे न केवल नए ज्ञान का संचार करते हैं, बल्कि समाज में व्याप्त कुरीतियों और अंधविश्वासों का खंडन भी करते हैं। शिक्षक छात्रों को सशक्त बनाते हैं ताकि वे समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।

निष्कर्ष

शिक्षक दिवस हमारे जीवन में शिक्षकों के योगदान को सराहने और उनका सम्मान करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। शिक्षक समाज के स्तंभ होते हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को ज्ञान और नैतिकता का पाठ पढ़ाते हैं। शिक्षक दिवस हमें याद दिलाता है कि हमें अपने शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए और उनके योगदान को कभी नहीं भूलना चाहिए।
शिक्षा की इस यात्रा में शिक्षक ही वे दीपक हैं जो हमें अज्ञानता के अंधकार से निकालकर ज्ञान की रोशनी में ले जाते हैं। शिक्षक दिवस न केवल शिक्षकों को सम्मानित करने का दिन है, बल्कि यह हमें उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का भी एक अवसर प्रदान करता है। इस दिन हम सभी को अपने शिक्षकों को उनके अथक प्रयासों के लिए धन्यवाद कहना चाहिए और उनके द्वारा दी गई सीख को अपने जीवन में अपनाना चाहिए।

शिक्षक दिवस हमें यह सिखाता है कि एक शिक्षक का जीवन में क्या महत्त्व होता है और हमें उनके प्रति हमेशा कृतज्ञ रहना चाहिए।

शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन (Teachers Day Essay in Hindi in 10 Lines)

10 लाइन में शिक्षक दिवस पर हिंदी में निबंध (Essay on Teachers Day in Hindi in 10 Lines) लिखने के इच्छुक छात्र यहां दिए गए प्वाइंट्स से शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन (Teachers Day Essay in Hindi in 10 Lines) में लिख सकते हैं।
  1. भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
  2. यह डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है।
  3. वह एक दार्शनिक, शिक्षक और भारत के पहले उपराष्ट्रपति थे।
  4. एक छात्र के जीवन में शिक्षक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  5. शिक्षक समाज की रीढ़ हैं।
  6. शिक्षक दिवस पर हम अपने शिक्षकों को पुरस्कृत करके या उनके बारे में दो शब्द कहकर उन्हें सम्मान देते हैं।
  7. स्कूल और कॉलेजों में शिक्षक दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
  8. इस दिन छात्र विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।
  9. छात्र शिक्षकों के प्रति अपना प्यार व्यक्त करने के लिए शुभकामनाएं और उपहार देते हैं।
  10. शिक्षक दिवस शिक्षक और छात्र के बीच विशेष बंधन का उत्सव है।
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FAQs

शिक्षक दिवस पर क्या लिखें?

आप अपने शिक्षकों का सम्मान करें और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान को अपने जीवन में उतारें। हम सब राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। यह दिन हमारे देश के उन महान शिक्षकों को समर्पित है, जिन्होंने हमारे देश की उन्नति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

शिक्षक दिवस किसका जन्मदिन है?

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन (5 सितंबर, 1888) को पूरे देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

शिक्षक दिवस की शुरुआत कब हुई थी?

देश में पहली बार 1962 को शिक्षक दिवस मनाया गया था और तभी से पुरे देश में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। इसी साल मई में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने देश के दूसरे राष्ट्रपति के तौर पर पदभार संभाला था। 

5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है?

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन और शिक्षकों के समाज के प्रति योगदान को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है

शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है पर निबंध?

हर साल, भारत डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को उनके योगदान और उपलब्धियों के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाता है। 5 सितंबर, 1888 को जन्मे डॉ. राधाकृष्णन ने न केवल भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया, बल्कि एक विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित भी थे।

शिक्षक दिवस पर निबंध कैसे लिखें?

शिक्षक दिवस पर निबंध लिखने की सरल प्रक्रिया इस लेख में बताई गई है, छात्र यहां दिए गए सैंपल का उपयोग करके शिक्षक दिवस पर हिंदी में निबंध लिखना सिख सकते हैं। 

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Ashish Aditya, Content Team

Dear student, 

The Law College Durgapur admission process is conducted once every year. Before the admission process starts, the college posts a detailed notification about the admission dates and process. As for Law College Durgapur admission 2024, the college has yet to release any information. Upon checking the previous year's admission dates it is clear that the 2024 admission process will start on July 01, 2023 (tentative). Keep in mind that admission to this college is based on merit only for UG courses. When the Law College Durgapur application process begins for 2024, students will have to fill out …

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Is interior design course is there.

-KeshavsarawgiUpdated on March 06, 2025 06:02 PM
  • 2 Answers
Spoidy, Student / Alumni

Yes, If you see Eduleem's interior Design Course in Bangalore is available. you can visit this website and and check http://eduleem.com/

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Fees details for all course and scholarship details send me

-RishiUpdated on March 06, 2025 04:29 PM
  • 1 Answer
Shikha Kumari, Content Team

Hi,

SECE Coimbatore offers a total of 2 courses at UG and PG levels. The 2 courses are BTech and MTech, The course fee for BTech is Rs 50,000 - 1,35,000 depending on the specialisation you choose. Moreover, the course fee for MTech is Rs 25,000. Sri Eshwar College of Engineering offers scholarships based on the merit of students in qualifying exams. Candidates who score 190/200 & above in 12th get a 100% scholarship on tuition fees, scores of 188/200 to 189.75/200 get a 75% scholarship, and score of 185/200 to 187.75/200 get a 50% scholarship.

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