शिक्षक दिवस पर भाषण (Teachers Day Speech in Hindi) - 100, 200, 500 शब्दों में भाषण सीखें
शिक्षक दिवस पर भाषण (Teachers Day Speech) देने के लिए विषय की गहन समझ की जानकारी होना छात्रों को बेहद ही आवश्यक है, तभी आप एक अच्छी स्पीच दे सकते है। इस आर्टिकल के द्वारा आप शिक्षक दिवस पर हिंदी में भाषण सीख सकते है।
शिक्षक दिवस पर हिंदी में भाषण (Teachers Day Speech in Hindi): डॉ. राधाकृष्णन के जन्म दिवस के अवसर पर हर साल शिक्षक दिवस (Teachers Day) 5 सितंबर को मनाया जाता है। उनका जन्म एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। कहा जाता है कि राधाकृष्ण के पिता चाहते थे कि उनका बेटा अंग्रेजी ना सीखे और मंदिर का पुजारी बन जाए। राधाकृष्णन अपने पिता की दूसरी संतान थे। उनके चार भाई और एक छोटी बहन थीं। छह बहन-भाइयों और माता-पिता को मिलाकर आठ सदस्यों के इस परिवार की आय बहुत कम थी। इसके बाद भी वे अपनी मेहनत से भारत के शीर्ष पद तक पहुंचे। इस दिन छात्र अपने गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए शिक्षण संस्थानों में भाषण देते हैं। यह वार्षिक आयोजन विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह उन गुरुओं का सम्मान करता है जिन्होंने अपने समर्पण और ज्ञान के माध्यम से अनगिनत लोगों के जीवन को आकार दिया है। कृतज्ञता, प्रेरणा और चरित्र विकास में शिक्षकों की भूमिका पर ध्यान केंद्रित करते हुए, यहां कुछ स्पीच दिए गए हैं जो स्टूडेंट्स इस अवसर पर अपने शिक्षकों के लिए बोल सकते हैं।
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अपने शिक्षकों के प्रति अपने विचारों को शिक्षक दिवस के अवसर पर बोलकर प्रकट करना ही शिक्षक दिवस पर भाषण (Teachers Day Speech in Hindi) देना है। पर कुछ छात्र भाषण देने के नाम से डर जाते हैं, मंच पर खड़े होकर शिक्षक दिवस पर भाषण(Teachers Day Speech) के जरिए अपने विचार प्रकट करना ऐसे छात्रों के दुष्कर हो जाता है। वहीं शिक्षक दिवस पर संबोधन (Shikshak Diwas par Sambodhan) करने को उत्सुक छात्रों यह कोशिश होती है कि वो शिक्षक दिवस पर भाषण कुछ इस तरह दे कि उसके शिक्षक उससे प्रभावित हो जाएँ। ऐसे में उनकी कोशिश यह भी रहती है कि वे किसी भी अन्य के मुक़ाबले सबसे बेहतर शिक्षक दिवस पर भाषण (Best Speech on Teachers Day in Hindi) तैयार करें। मगर हिन्दी भाषा पर कमजोर पकड़ या फिर शिक्षक दिवस के बारे में अल्प जानकारी की वजह से कई छात्र सबसे बेहतर शिक्षक दिवस पर भाषण (Best Speech on Teachers Day in Hindi) तो दूर, शिक्षक दिवस पर भाषण (Teacher’s Day Speech in Hindi) ही नहीं लिख पाते हैं।
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100 शब्दों में शिक्षक दिवस पर भाषण (Teachers Day Speech in 100 Words)
यहा उपस्थित सभी लोगों को मेरा नमस्कार।
जैसा कि हम सभी जानते हैं शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है और इस दिन हम सभी यहां पर शिक्षक दिवस मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। शिक्षक दिवस को टीचर्स डे भी कहते हैं। आज के दिन इस मौके पर मैं यह कहना चाहता/चाहती हूं कि, हमारी जिंदगी में शिक्षक का योगदान अमूल्य होता है और मेरा यह भी कहना है कि हर किसी व्यक्ति को अपनी जिंदगी में एक गुरु या शिक्षक जरूर ग्रहण करना चाहिए।
हमें सदा अपने गुरुओं का मान सम्मान करना चाहिए और उनकी सभी अच्छी बातों पर अमल करने का प्रयास करना चाहिए। यदि हम अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं, तो इसका श्रेय हमारे माता-पिता के साथ ही साथ हमारे शिक्षक को भी जाता है, क्योंकि वही हमें अच्छी और बुरी बातों की सीख देते हैं और आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।
धन्यवाद
200 शब्दों में शिक्षक दिवस पर भाषण (Teachers Day Speech in 200 Words)
इस कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित सभी लोगों को मेरा नमस्कार
आप सभी इस बात से भली-भांति परिचित होंगे कि, आज हम यहां पर शिक्षक दिवस (Teachers Day) मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। शिक्षक दिवस के बारे में बात करें, तो यह एक ऐसा दिन है, जो विशेष तौर पर शिक्षकों को सम्मान देने के लिए समर्पित है। इस मौके पर देश के महान शिक्षकों को हम सभी याद करते हैं और हमारे गुरुओं को सम्मानित करते हैं। हमारे देश में शिक्षक दिवस को बड़े ही उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
हम सभी शिक्षक दिवस मनाते हैं, पर हम में से कई लोगों को यह पता नहीं है कि, आखिर शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है। दरअसल 5 सितंबर को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस भी मनाया जाता है, जो कि हमारे देश के महान विद्वान और टीचर थे। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन हमारे देश के पहले उपराष्ट्रपति भी बन चुके थे और दूसरे राष्ट्रपति भी बन चुके थे। उन्ही की याद में हम सभी शिक्षक दिवस मनाते हैं। शिक्षक हमारे समाज की रीढ़ की हड्डी माने जाते हैं क्योंकि इनके द्वारा ही विद्यार्थियों के चरित्र का निर्माण किया जाता है और उन्हें किस प्रकार से आदर्श नागरिक बनना है और किस प्रकार से अपने देश और समाज का नाम रोशन करना है, इसके बारे में बताया, सिखाया और पढ़ाया जाता है।
टीचर स्टूडेंट को अपने खुद के बच्चे की तरह ही मानते हैं और उन्हें सावधानी के साथ एजुकेशन देते हैं, तभी तो किसी व्यक्ति ने कहा है कि जो टीचर होते हैं यह माता-पिता से भी ज्यादा महान होते हैं, क्योंकि माता-पिता तो संतान उत्पन्न करते हैं परंतु शिक्षक के द्वारा उनके बच्चों के चरित्र को आकार दिया जाता है और उनके भविष्य को उज्जवल बनाने का प्रयास किया जाता है। शिक्षक ही हमें हमारी जिंदगी में आने वाली विभिन्न परेशानियो का सामना करने के लिए तैयार करते हैं। वह अपनी बुद्धि और ज्ञान का इस्तेमाल करके हमें ज्ञानवान बनाने का प्रयास करते हैं और यह ज्ञान हमारे तब काम आता है, जब हम अपनी जिंदगी में अपने करियर की शुरुआत करते हैं, तो चलो मेरे प्यारे साथियों हम सभी आज शिक्षक दिवस के मौके पर यह कसम खाते हैं कि, हम अपने शिक्षकों के सभी आदेशों का पालन करेंगे और देश और समाज के लिए एक आदर्श नागरिक बनकर अपने माता-पिता और शिक्षक का नाम रोशन करेंगे।
धन्यवाद
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टीचर्स डेट पर हिंदी स्पीच (Teacher’s Day Speech in Hindi): भाषण देने की एक खास शैली होती है। एक अच्छा वक्ता होने के साथ-साथ यह भी मायने रखता है कि आपने अपने भाषण की शुरुआत किस तरह की है। सिर्फ शिक्षक दिवस पर भाषण (Teacher’s Day Speech in Hindi) ही नहीं, किसी भी भाषण की शुरुआत हमेशा मंच पर मौजूद सम्मानित व्यक्तियों/अथितियों व अन्य गणमान्य लोगों के साथ-साथ श्रोताओं का अभिनंदन करते हुए करें।
उदाहरण के लिए : मंच पर विराजमान अतिथि गण, प्रधानाध्यापक, शिक्षकगण व श्रोताओं के बीच विराजमान अभिभावक व समस्त श्रोताओं को मेरा प्रेम भरा नमस्कार।
अभिनंदन के बाद अपने टीचर्स डेट पर स्पीच (Teacher’s Day Speech in Hind) की शुरुआत करें।
शिक्षक दिवस पर भाषण (Teachers Day Speech in Hindi)
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः
गुरु साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्रीगुरवे नमः
यह श्लोक गुरु स्त्रोतम का हिस्सा है, जिसे आदि गुरु शकराचार्य ने अपने गुरु गोविन्द भगवद्पादा को समर्पित किया था। इस श्लोक का मतलब है कि गुरु ही ब्रह्मा है, गुरु ही विष्णु है, और गुरु ही महेश यानी शिव है, गुरु ही साक्षात् परब्रह्म हैं। इस श्लोक के मुताबिक, तीनों लोकों में गुरु से बढ़कर कोई नहीं है।
नोट- ऊपर दी पंक्तियों के साथ आप अपने भाषण की शुरुआत कर सकते है।
शिक्षक दिवस पर हिंदी में भाषण (Teachers Day Speech in Hindi): मैं शिक्षक दिवस पर आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूं। अपने विद्यार्थियों के सच्चे शुभचिंतक शिक्षक ही होते हैं। वे हमें जीवन की आवश्यक सीख देकर हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं। हमारे जीवन पर शिक्षकों का प्रभाव बहुत गहरा होता है। वे ही हैं जो हमारा नेतृत्व करते हैं और बेहतर इंसान के रूप में हमारे विकास में सहायता करते हैं। वे हमारे जीवन को प्रबुद्ध करते हैं, हमें सोचना सिखाते हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ स्वरूप सामने लाने में हमारी मदद करते हैं।
हम सभी के लिए शिक्षक दिवस एक बहुत ही यादगार अवसर है। यह उन शिक्षकों को याद करने और उन्हें धन्यवाद देने का दिन है जिन्होंने हमारे जीवन को ढालने में मदद की है। शिक्षक उचित मार्गदर्शक और सलाहकार होते हैं जो हमें एक इंसान के रूप में विकसित होने में मदद करते हैं। वे हमें कठिन प्रयास और समर्पण के साथ-साथ जीवन के नैतिक सिद्धांतों का मूल्य भी सिखाते हैं। अपने शिक्षकों के प्रति अपनी प्रशंसा और सम्मान व्यक्त करने के लिए, हम दुनिया भर में शिक्षक दिवस मनाते हैं। इस दिन बच्चे अपने शिक्षकों के प्रति प्रशंसा और स्नेह दर्शाते हैं।
भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में हर साल 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। वह एक दार्शनिक, शिक्षाविद और राजनेता थे जिन्हें भारत के अब तक के सबसे महान शिक्षकों में से एक माना जाता है।
शिक्षक दिवस पर भाषण (Teacher’s Day Speech in Hindi): शिक्षक दिवस के बारे में
समाज में शिक्षकों के निस्वार्थ योगदान को पहचानने और उसकी सराहना करने के लिए इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में जाना जाता है। भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे शुरुआत में 1962 में प्रख्यात विद्वान, शिक्षक और दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जन्मतिथि को याद करने के लिए मनाया गया था। उन्होंने भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। तब से, पूरे देश में, शिक्षक दिवस बड़े उत्साह और जुनून के साथ मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस पर भाषण (Teachers Day Speech in Hindi): डॉ. राधाकृष्णन के विचार
डॉ. राधाकृष्णन के अनुसार, शिक्षक युवाओं को आकार देते हैं, जो आगे चलकर देश के भविष्य को आकार देते हैं। इस कारण से, उन्होंने एक प्रोफेसर के रूप में अपने कर्तव्यों का परिश्रमपूर्वक पालन किया और अपने छात्रों को उपयोगी जानकारी प्रदान की। हमारे देश के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उनके छात्र हर साल उनका जन्मदिन मनाना चाहते थे। डॉ. राधाकृष्णन ने जवाब देते हुए कहा कि अगर वे 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाएंगे तो उन्हें खुशी होगी। इसलिए, भारत में हर साल उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त, यह शिक्षण पेशे का सम्मान करने का दिन है।
शिक्षक दिवस पर भाषण (Teachers Day Speech in Hindi): शिक्षक और छात्र के बीच संबंध
जैसा कुम्हार का मिट्टी के साथ होता है, वैसा ही रिश्ता एक शिक्षक का अपने विद्यार्थीयों के साथ होता हैं। जिस तरह एक कुम्हार मिट्टी को आकार देने के लिए कभी कठोरता तो कभी कोमलता का सहारा लेता है, उसी प्रकार शिक्षक भी एक विद्यार्थी के चरित्र निर्माण के लिए कभी कठोर होते है तो कभी कोमल होते हैं, वह अंततः अपने छात्र के लिए सर्वश्रेष्ठ ही चाहते हैं।
शिक्षक दिवस पर भाषण (Teacher’s Day Speech in Hindi): शिक्षक दिवस समारोह
शिक्षक और छात्र विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और गतिविधियों में भाग लेते हैं। इस दिन शिक्षकों को उपहार और फूल दिये जाते हैं। छात्र अपने प्रशिक्षकों के प्रति अपनी सराहना दिखाने के लिए शिक्षक दिवस पर भाषण (Teacher’s Day Speech in Hindi) देते हैं। यह संबोधन हमारे जीवन में शिक्षकों के मूल्य पर जोर देता है और उन सभी उत्कृष्ट शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करता है जिन्होंने समाज में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस दिन, छात्र, शैक्षणिक संस्थान और सरकार शिक्षकों को श्रद्धांजलि देते हैं और देश के भविष्य को आकार देने के लिए उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण को स्वीकार करते हैं। शिक्षकों को उनके छात्रों, सहकर्मियों और वरिष्ठों से उपहार, बधाई और प्रशंसा से सम्मानित किया जाता है। शिक्षक दिवस पर शिक्षक और उनके छात्र एक अनूठा बंधन विकसित करते हैं।
मैं डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के एक प्रसिद्ध वाक्यांश को उद्धृत करते हुए अपनी बात समाप्त करना चाहूंगा: "शिक्षकों को देश में सबसे अच्छे दिमाग वाले होना चाहिए।"
धन्यवाद
10 लाइनों में शिक्षक दिवस पर भाषण (Teacher’s Day Speech in 10 lines In Hindi)
- शिक्षक दिवस का दिन अपने टीचरों के प्रति सम्मान व आभार प्रकट करने का दिन है।
- भारत ने अपना पहला शिक्षक दिवस 5 सितंबर 1962 को मनाया।
- 5 सितंबर को सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है। इसे पूरा देश एक त्यौहार के रूप में मनाता है।
- शिक्षक ही हमारे जीवन से अज्ञानता के अंधकार को दूर कर उसे ज्ञान के प्रकाश से भरते हैं।
- शिक्षक हमें सिर्फ पढ़ाते नहीं हैं, वे हमारे भविष्य को आकार भी देते हैं। हमें जिम्मेदार नागरिक बनाते हैं।
- शिक्षक दिवस पूरे भारत में छात्रों द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। सम्मान के संकेत के रूप में, छात्र अपनी कक्षाओं में अपने शिक्षकों को उपहार देते हैं।
- स्कूल, कॉलेज में छात्र मिलकर शिक्षकों के लिए कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
- यह समारोह शिक्षकों के समर्पण और उपलब्धियों का प्रतीक है।
- शिक्षक दिवस हमें शिक्षा के महत्व को याद दिलाता है।
- हमें अपने शिक्षकों के प्रति आभारी और समर्पित रहना चाहिए और इन दिन हम शिक्षकों के प्रति अपनी प्रशंसा और सम्मान व्यक्त करते हैं।
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FAQs
शिक्षक दिवस की शुरुआत कैसे हुई?
1962 में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला तो उनके छात्र 5 सितंबर को एक विशेष दिन के रूप में मनाने की अनुमति मांगने के लिए उनके पास पहुंचे। उन्होंने छात्रों से समाज में शिक्षकों के अमूल्य योगदान को बताने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया। उसे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत हुई।
शिक्षक दिवस पर भाषण की शुरुआत कैसे करें?
भाषण देने की एक खास शैली होती है। एक अच्छा वक्ता होने के साथ-साथ यह भी माने रखता है कि आपने अपने भाषण की शुरुआत किस तरह की है। सिर्फ शिक्षक दिवस पर भाषण ही नहीं, किसी भी भाषण की शुरुआत हमेशा मंच पर मौजूद सम्मानित व्यक्तियों/अथितियों व अन्य गणमान्य लोगों के साथ-साथ श्रोताओं का अभिनंदन करते हुए करें। उदाहरण के लिए : मंच पर विराजमान अतिथि गण, प्रधानाध्यापक, शिक्षकगण व श्रोताओं के बीच विराजमान अभिभावक व समस्त श्रोताओं को मेरा प्रेम भरा नमस्कार। इस तरह अभिनंदन करने के बाद अपने शिक्षक दिवस पर भाषण की शुरुआत करें।
टीचर्स डे क्यों मनाया जाता है?
शिक्षक दिवस का दिन अपने टीचरों के प्रति सम्मान व आभार प्रकट करने का दिन है।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म शिक्षक दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है?
राधाकृष्णन 1952 में भारत के पहले उपराष्ट्रपति चुने गए और भारत के दूसरे राष्ट्रपति (1962-1967) चुने गए। उन्होनें कहा "मेरे जन्मदिन को मनाने के बजाय, अगर 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो यह मेरे लिए गर्व की बात होगी।" तब से उनके जन्मदिन को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस का उद्देश्य क्या है?
यूनेस्को के एक बयान में कहा गया है कि इसका उद्देश्य शिक्षकों की संख्या में कमी को कम करना और वैश्विक स्तर पर उनकी ताकत बढ़ाना है। यह इस बात की भी जांच करेगा कि शिक्षा प्रणाली, समाज, समुदाय और परिवार शिक्षकों को कैसे पहचानते हैं। साथ ही उनका कैसे समर्थन करते हैं।
स्टेज पर स्पीच में टीचर का परिचय कैसे कराएं?
भाषण में शिक्षक का स्वागत करने के लिए, आप इस तरह से शुरू कर सकते हैं-
प्रिय शिक्षक का नाम, आज आपका हार्दिक स्वागत करना हमारे लिए सौभाग्य की बात है क्योंकि हम आपके समर्पण और मार्गदर्शन की सराहना करने के लिए एकत्र हुए हैं।
शिक्षक दिवस के जनक कौन है?
1962 में जब सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला, तो उनके छात्रों ने उनसे 5 सितंबर को एक विशेष दिन के रूप में मनाने की अनुमति मांगी। इसके बजाय, उन्होंने शिक्षकों के समाज में अमूल्य योगदान को मान्यता देने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया।
टीचर्स डे पर स्पीच कैसे शुरू करें?
मैं अपने सभी सम्मानित शिक्षकों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ देकर अपनी बात शुरू करना चाहूँगा। यह आपकी कड़ी मेहनत और समर्पण के कारण है कि हम छात्र हर दिन बेहतर इंसान बनते हैं और सीखते हैं।