Overall: परिबार तथा समाज मे महिलाओ की स्तिथी का मूल्यकन करने के लिए उनकी रूपरेखा को जानना आवश्यक है सामजिक सारंचनाएं संस्किरीट प्रीतिमान तथा मूले प्रदलिया पुरसो तथा स्त्रियों दोनो के ब्यबाहर समंदि पारिबारिक एंव सामाजिक प्रत्यासाओ पर प्रभाव डालते है ये किसी सीमा तक परिबार बा समाज मे स्त्रियों कै स्तिथि निर्धारित करती है इसमे सबसे अधिक महत्ब्पूरन बान्स् कर्म प्रधालिया परिबार और गोत्र बिबाह और धार्मिक परम्पर्य है ये पुरसो तथा स्त्रियों को उनके अधिकारो ओर कर्तब्यो कै धार ढाओ के प्रीति बिचारधारा ओर नैतिक आधार प्रदान करते है आदर्श के मानक उसी गति से नाही बदलते जिस गति से अध्योगिक सैश्चिक बिकास परिबर्तन सील मूल जीवन स्तर मे सुधार जैसे करदो से अन्य सामाजिक दसाओ पर अपेक्चित प्रभाव पड़ता है