दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi): हिंदी में दीपावली पर निबंध 100, 200, 500, 1000 शब्दों में यहां देखें

Shanta Kumar

Updated On: October 30, 2024 04:33 PM

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi): प्रत्येक वर्ष भारतीय और अन्य देशों में रह रहे हिन्दू धर्म के लोग इस त्यौहार को बड़ी ख़ुशी से मनाते हैं। दिवाली पर पैराग्राफ हिंदी में (Paragraph on Diwali in Hindi) या दीपावली पर हिंदी में निबंध लिखना यहां से देखें। 
दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi): स्कूली छात्रों को अक्सर विद्यालयों में दीपावली पर निबंध (Essay on Deepavali in Hindi) , दिवाली पर हिंदी में लेख (Diwali Par Hindi me Lekh) लिखने के लिए कहा जाता है। यहां हमने दिवाली के महत्व पर लेख (Essay on Importance of Diwali) कैसे लिखें इसके बारे में बताया है। यहां हमने दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) कैसे लिखें, समझने के लिए कुछ सैंपल भी दिए हैं। यहां दिए गए हिंदी में दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) से छात्रों को दिवाली पर निबंध हिंदी में (Diwali Essay in Hindi) लिखने में सहायता मिलेगी। कक्षा 1 से 8 तक के छात्र सरलता से हिंदी में दिवाली पर निबंध (Eassy on Diwali in Hindi) और दीपावली पर निबंध (Essay on Dipawali in Hindi) 200 और 500 शब्दों के साथ दिवाली पर हिंदी में 10 लाइन में निबंध (10 Lines Essay on Diwali in Hindi) लिखना सीख सकते हैं।

दिवाली, जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, भारत का सबसे प्रमुख और पवित्र त्योहार है। यह त्योहार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। दिवाली का अर्थ है 'दीपों की पंक्ति', और इस दिन घरों, मंदिरों, और गली-मोहल्लों में दीपक जलाकर चारों ओर उजाला फैलाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान राम 14 वर्षों का वनवास समाप्त करके अयोध्या लौटे थे, और उनके स्वागत में नगरवासियों ने घी के दीप जलाए थे।

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दिवाली केवल धार्मिक आस्था का पर्व नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं, मिठाइयाँ बाँटते हैं, और अपने घरों को सजाते हैं। व्यापारियों के लिए यह नया वित्तीय वर्ष शुरू होने का प्रतीक होता है, जिससे इसे आर्थिक रूप से भी महत्त्वपूर्ण माना जाता है। यह त्योहार भाईचारे, प्रेम और एकता का संदेश देता है। आज के समय में दिवाली का उत्सव न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, जहाँ भारतीय समुदाय अपनी परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखते हैं। इस लेख से दीपावली पर निबंध (Dipawali par Nibhandh) प्रभावी ढंग से लिखना सीखें।

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दिवाली कब है (Diwali kab hai) - शुभ मुहूर्त

हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार , दिवाली का त्यौहार कार्तिक अमावस्या या कार्तिक महीने की अमावस्या को पड़ता है। भारत में, विशेष रूप से उत्तरी राज्यों में, दिवाली पाँच दिनों तक चलने वाला उत्सव है जो कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष (घटते चरण) के 13वें चंद्र दिवस पर धनतेरस से शुरू होता है। यह भाई दूज के उत्सव के साथ समाप्त होता है जो पूर्णिमांत कैलेंडर के अनुसार उसी महीने के शुक्ल पक्ष (बढ़ते चरण) के 17वें चंद्र दिवस पर पड़ता है। साल 2024 यानी इस साल दिवाली उत्सव 29 अक्टूबर, 2024 मंगलवार को धनतेरस से शुरू होगा और 03 नवंबर, 2024 रविवार को भाई दूज के साथ समाप्त होगा। दिवाली के त्यौहारों में सबसे शुभ दिन लक्ष्मी पूजा के दिन मनाई जाती है। इस साल दिवाली, 31 अक्टूबर, 2024 को पड़ रही है।

दिवाली पर पैराग्राफ (Paragraph on Diwali in Hindi)

दिवाली, जिसे दीपावली या दीपोत्सव भी कहा जाता है, भारत का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार हर साल नवंबर के महीने में मनाया जाता है। दिवाली को प्रकाश का त्योहार कहा जाता है। इस दिन, लोग अपने घरों, मंदिरों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर दीपक जलाते हैं। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है।

दिवाली के त्योहार में कई तरह के कार्यक्रम मनाए जाते हैं। इनमें शामिल हैं:
  • दीपदान: लोग अपने घरों, मंदिरों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर दीपक जलाते हैं।
  • पटाखे चलाना: लोग आतिशबाजी और पटाखे चलाते हैं।
  • भाई दूज: बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उन्हें उपहार देती हैं।
  • छोटी दिवाली: यह दीपावली से एक दिन पहले मनाई जाती है। इस दिन, लोग लक्ष्मी पूजन करते हैं।
दिवाली का त्योहार (Diwali Festival) सभी के लिए खुशियाँ और उल्लास का त्योहार है। यह त्योहार हमें अच्छाई पर बुराई की जीत, प्रकाश पर अंधकार की जीत और नए साल के आगमन की याद दिलाता है। दिवाली के दिन, लोग अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं। रंगोली एक पारंपरिक भारतीय सजावट है जो सुंदरता और शुभकामनाओं का प्रतीक है। लोग नए कपड़े पहनते हैं और मिठाइयाँ खाते हैं। वे एक-दूसरे को उपहार देते हैं और शुभकामनाएँ देते हैं। दिवाली एक ऐसा त्योहार है जो भारत और दुनिया भर के हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह एक समय है जब लोग एक साथ आते हैं और खुशी और उल्लास मनाते हैं।

दिवाली पर निबंध 100 शब्दों में (Essay on Diwali in 100 words in Hindi)

प्रस्तावना

दीपावली पर निबंध 100 शब्दों में (Essay on Dipawali in 100 words in Hindi) : दीपावली, भारत में मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह त्योहार, हर साल केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर के भारतीय समुदायों में विशेष आनंद और उत्सव के साथ मनाया जाता है। "दीपावली" शब्द का अर्थ होता है "दीपों की श्रृंखला" यह शब्द बना है "दीप" और "आवली" को जोड़ कर जिन्हें संस्कृत भाषा के शब्दों से लिया गया है। दीपावली को दिवाली या दीवाली भी कहा जाता है। यह त्योहार हर घर में खुशिया लाता है और इस दिन हर घर में भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। यूँ तो दीवाली एक पांच दिनों का त्यौहार है जहां हर एक दिन का एक अलग महत्व है लेकिन आमतौर पर 2 दिन सबसे खास होते हैं - छोटी दिवाली और दिवाली। आमतौर पर दिवाली का त्यौहार अक्टूबर के मध्य से नवंबर के मध्य में पड़ता है। दीपावली कार्तिक माह के पंद्रहवें दिन अमावस्या को मनाई जाती है।

दिवाली के त्यौहार में घरों को साफ किया जाता है और घर के हर कोने में दीपक, फूलों और रंगीन रंगोलियों से सजाया जाता है। लोग उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। दिवाली की रात यानि इस पूरे त्यौहार के मुख्या शाम को लोग धन और समृद्धि के देवी-देवता, लक्ष्मी मान और भगवान गणेश की विशेष पूजा करते है। इस दिन लोग घरों में रंगीन मिट्टी के दीये जलाते हैं, जो प्रकाश और आशा की विजय का सन्देश देते हैं। यूँ तो कई दसकों से दिवाली को पटाखे और आतिशबाजियों से मनाया जाने लगा हैं लेकिन 21वीं सदी में उनके पर्यावरण और स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं। इसलिए हमें अपने पर्यावरण का ध्यान रखते हुए दिवलो को प्रेम भवन से मनाना चाहिए।

दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Diwali in 200 words in Hindi)

दीपावली पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Dipawali in in 200 Words Hindi): दीपावली का त्यौहार सभी भारतियों के लिए लोकप्रिय व महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बड़ी धूमधाम से और उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। दिवाली के त्यौहार पर बच्चे सबसे अधिक प्रसन्न नजर आते हैं। दीपावली का त्यौहार आने से कुछ दिन पहले ही लोग अपने घरों और दुकानों की साफ़ सफाई शुरू कर देते हैं। इस त्यौहार पर घरों और पुरे शहर को दीपों से सजाया जाता है। दीपावली के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतिक के रूप में मनाया जाता है। दिवाली के त्यौहार पर घरों में रंगोली भी बनाई जाती है जिससे रौनक और बढ़ जाती है। इस दिन मुख्य रूप से लोग अपने घरों में धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करते हैं। छात्रों को दीपावली पर निबंध (Essay on Deepavali in Hindi) लिखकर अपने उत्साह और आनंदमय भाव के अनुभव को व्यक्त करने का अवसर प्राप्त होता है।

दिवाली की रात यानि इस पूरे त्यौहार के मुख्य शाम को लोग धन और समृद्धि के देवी-देवता, लक्ष्मी मान और भगवान गणेश की विशेष पूजा करते है। लोग घरों में रंगीन मिट्टी के दीये जलाते हैं, जो प्रकाश और आशा की विजय का सन्देश देते हैं। यूँ तो कई दसकों से दिवाली को पटाखे और आतिशबाजियों से मनाया जाने लगा हैं लेकिन 21वीं सदी में उनके पर्यावरण और स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं। इसलिए हमें अपने पर्यावरण का ध्यान रखते हुए दिवलो को प्रेम भवन से मनाना चाहिए।

दिवाली पर्व पर सभी के घरों में कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं। युवा वर्ग और बच्चे इस त्यौहार पर बेहद रहते हैं और इसका कारण यह है कि उन्हें इस त्यौहार पर तरह तरह के व्यंजन खाने को मिलते हैं और पटाखें एवं फुलझड़ियों को जलाने का अवसर प्राप्त होता है। दीपावली पर्व पर वरिष्ठ लोग आपने परिवारजनों और दोस्तों के साथ उपहार साझा करते हैं और एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं। दिवाली पर निबंध हिंदी में (Diwali Essay in Hindi) और अधिक विस्तृत तरीके से लिखकर नीचे बताया गया है। 500 से अधिक शब्दों में दीपावली पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Dipawali in 200 Words in Hindi) लिखने के इच्छुक छात्र नीचे से निबंध का नमूना देख सकते हैं।
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दीपावली पर निबंध 500 शब्दों में (Essay on Dipawali in 500 Words in Hindi)

दीपावली पर निबंध 500 शब्दों में (Essay on Diwali in 500 Words in Hindi) - प्रस्तावना

दीपावली पर निबंध (Dipawali per Nibandh): दिवाली हिन्दुओं के सबसे पौराणिक और लोकप्रिय त्योहारों में से एक है, जिसे सभी सनातनी मिलकर बेहद धूमधाम से मनाते हैं। दिवाली को दीपावली भी कहा जाता है और इसके पीछे कारण यह है कि दीपावली संस्कृत शब्द से लिया गया है, जिसका का अर्थ होता है- दीप + आवलिः (कतार में रखे हुए दिप)। दिवाली प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। दीपावली का त्यौहार मुख्य रूप से ‘अन्धकार पर प्रकाश की विजय’ (बुराई पर अच्छाई की जीत) को दर्शाता है। इस त्यौहार का धार्मिक और सामाजिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। दीपवाली पर लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मुलाकात करते हैं एवं एक दूसरे से उपहार साझा करते हुए दीपावली की शुभकामनाएं देते हैं। इस वर्ष दीपावली का त्यौहार 1 नवंबर, 2024 को मनाया जाएगा। दीपोत्सव पर मुख्य रूप से धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। दिवाली के त्यौहार पर बच्चे और युवा सबसे अधिक प्रसन्न और उत्साहित नजर आते हैं। दीपावली पर लोग अपने घरों में तरह के दिप जलाते हैं और रंग-बिरंगे रंगोली भी बनाते हैं।
Paragraph on Diwali in Hindi

दिवाली पर निबंध 500 शब्दों में (Essay on Diwali in 500 Words in Hindi) - महत्वपूर्ण बिंदु

दीपावली का अर्थ - दिवाली जिसे हम दीपावली भी कहते हैं जिसका अर्थ दीपों का त्यौहार होता है। दीपावली' की संरचना संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर हुई है- दीप + आवली। ‘दीप’ का अर्थ होता है ‘दीपक’ तथा ‘आवली’ का अर्थ होता है ‘श्रृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति। पौराणिक त्यौहार दीपावली को प्रतिवर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। दिवाली एक लोकप्रिय हिंदू त्योहार है जिसे प्रकाश के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है। भारत में हिंदू प्रमुख धर्म है और हिंदू आस्था में दिवाली का बहुत महत्व है।

दिवाली क्यों मानते हैं?- दीपावली पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत या अंधकार पर प्रकाश की विजय के प्रतिक के रूप में मनाया जाता है। भारत में मनाए जाने वाले इस दीपों के त्यौहार का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। पौराणिक कथाओं के अनुसार माना जाता है कि शुभ दीपावली के दिन भगवान् श्री राम चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात अयोध्या वापस लौटे थे। अपने मर्यादा पुरुषोत्तम राजा ‘श्री राम’ के वापसी पर अयोध्यावासियों का ह्रदय प्रफुल्लित था। राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने पुरे नगर में घी के दीपक जलाए थे। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या रात्रि भी दीयों की रौशनी से जगमगा उठी थी। तब से लेकर अब तक प्रत्येक भारतीय उत्साहपूर्वक यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं।

दीपावली पर्व की तैयारी कैसे की जाती है? - दिवाली पर्व से कुछ दिनों पहले से ही उत्सुकता बढ़ने लगती है। लोग अपने घरों और दुकानों की अच्छे से साफ-सफाई और दीवारों की पुताई शुरू कर देते हैं, इसका कारण यह है कि दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। लोगों का ऐसा मानना है कि जो घर साफ़ और स्वच्छ होते हैं उनके घर माँ लक्ष्मी का आगमन होता है। शुभ दीपावली के आते हीं लोग अपने घरों को तरह-तरह के लाइट और दीपक से सजाना शुरू कर देते हैं। बच्चों के लिए कपड़ों, पटाखों और मिठाइयों की खरीदारी की जाती है।

दिवाली का महत्व - दीपावली का भारत में पौराणिक महत्व है। आध्यात्मिक रूप से दिवाली का त्यौहार 'अन्धकार पर प्रकाश की विजय' को दर्शाता है। दीपावली के अवसर पर लोग कार, सोने के गहने, महँगी वस्तुएं तथा स्वयं और अपने परिवार के लिए कपडे, उपहार आदि की खरीदारी करते हैं। बच्चे और युवा दिवाली के अवसर पर पटाखा जला कर आतिशबाजी का लुफ्त उठाते हैं।

दीपावली का इतिहास - प्राचीन काल से दिवाली को विक्रम संवत के कार्तिक माह में मनाया जा रहा है। पद्म पुराण और स्कन्द पुराण में दिवाली का उल्लेख मिलता है। दिये को स्कन्द पुराण में सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला माना गया है, जो जीवन के लिए प्रकाश और ऊर्जा का लौकिक दाता भी है। लोगों का यह भी मानना है कि दीपावली का इतिहास रामायण से भी जुड़ा हुआ है। इसी दिन भगवान् श्री राम माता सीता को रावण के कैद से छुड़ा कर अपने भाई लक्षमण के साथ अयोध्या लौटे थे। अयोध्या वासियों ने श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता के स्वागत के लिए अयोध्या को दीपों से रोशन किया था और तभी से दीपों का यह त्यौहार शुभ दीपावली के रूप में मनाया जाने लगा।

दिवाली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां - दीपावली स्वच्छता, प्रकाश व बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। हमें इसके महत्व को समझते हुए दिवाली के त्यौहार को मनाना चाहिए। परन्तु कुछ असामाजिक मानसिकता वाले लोग अपने कुरीतियों से इस पावन पर्व को दूषित करने का प्रयास करते रहते हैं। जुआ खेलना, शराब पीना और बिना कारण वातावरण को त्यौहार के नाम पर प्रदूषित किया जा रहा है। हमें आने वाली अगली पीढ़ी के लिए वातावरण और अपने समाज को इन कुरीतियों से बचाकर रखने की आवश्यकता है। हमारे समाज से इन कृत्यों को अगर दूर रखा जाए तो दीपावली का पर्व सिर्फ बातों में प्रकाश नहीं फैलाएगा बल्कि हमारे वातावरण और और सोच को भी उज्जवल करेगा।

दिवाली पर निबंध 1000 शब्दों में (Essay on Diwali in 1000 words in Hindi)

प्रस्तावना

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, पूरे भारत में मनाया जाने वाला त्योहार है। यह एक खास भारतीय त्योहार है जो दिखाता है कि कैसे अच्छाई बुराई पर विजय पाती है। भारत में लोग दिवाली को बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं। यह त्योहार खुशी, एकजुटता और सफलता का प्रतिनिधित्व करता है। दिवाली भारत में प्राचीन काल से मनाई जाती रही है। यह अंधकार पर प्रकाश की जीत का जश्न मनाने का दिन है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह वह दिन था जब भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद अपने राज्य अयोध्या वापस लौटे थे। वे राक्षस रावण का वध करके और सीता को उसके चंगुल से मुक्त करके विजयी होकर अयोध्या लौटे थे। उस दिन से दीवाली का त्यौहर बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।

दिवाली का दिन यह भी याद करता है कि भगवान राम अपने वनवास से कब लौटे थे, जो महाकाव्य रामायण में एक कहानी है। "दिवाली" शब्द संस्कृत शब्द "दीपावली" से आया है, जिसका अर्थ है रोशनी की एक पंक्ति। दिवाली के दौरान, लोग अपने घरों और कार्यालयों के चारों ओर आमतौर पर मिट्टी से बने दीपक जलाते हैं। यह अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। आमतौर पर, दिवाली अक्टूबर या नवंबर में आती है, दशहरा के लगभग 20 दिन बाद, कार्तिक नामक हिंदू महीने के बाद दीपावली आती है।

यह एक ऐसा उत्सव है जिसका भारतीय बहुत उत्साह के साथ आनंद लेते हैं। यह त्यौहार खुशी, शांति और सफलता के बारे में है। यह रामायण की कहानी में बताए गए वनवास के बाद भगवान राम की घर वापसी का भी प्रतीक है। यह धार्मिक उत्सव बुराई पर अच्छाई की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। पूरे भारत में लोग मिट्टी के तेल के दीये जलाकर और अपने घरों को रंग-बिरंगी और विभिन्न आकार की लाइटों से सजाकर दिवाली मनाते हैं। ये चमकदार लाइटें भारत की सड़कों को एक खूबसूरत और मनमोहक नज़ारा बना देती हैं। दिवाली के इस खास त्यौहार का हिंदू धर्म के लोग बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं । यह सबसे महत्वपूर्ण और पसंदीदा त्यौहार है।

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दिपावली क्यों मनाई जाती हैं?

दिवाली बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाई जाती है। इस दिन श्री राम 14 वर्ष के वनवास के बाद रावण को हराकर अयोध्या लौटे थे। अयोध्या के नागरिकों ने अपने घरों और पूरे शहर को दीपों से सजाया। तब से, दिवाली दीये जलाने और पटाखे फोड़ कर  मनाई जाने लगी। दिवाली मनाने का एक और कारण यह है कि यह भारत के कई हिस्सों में नए साल की शुरुआत मानी जाती है। दिवाली उत्सव देवी लक्ष्मी की मुक्ति का भी प्रतीक है, जिन्हें राजा बलि ने कैद कर लिया था। भगवान विष्णु ने भेष बदलकर उन्हें राजा से बचाया, जिससे कई क्षेत्रों में दिवाली का हर्षोल्लास मनाया जाने लगा, क्योंकि यह लोगों के घरों में पूजनीय देवी लक्ष्मी के आगमन का प्रतीक है। कई लोगों का मानना है कि वह आने वाले वर्ष में उन्हें धन और समृद्धि का आशीर्वाद देंगी।

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - प्रदूषण मुक्त और पर्यावरण-अनुकूल दीपावली

इस पर्व को घर के चारों ओर दीये और मोमबत्तियाँ जलाकर मनाया जाता है। यह अंधकार पर प्रकाश की विजय और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। दिवाली दुनिया भर के हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की और निराशा पर आशा की जीत का जश्न मनाने का समय है। इसलिए इस दिन सभा अपने घरों में दीय, मोमबत्तियां जला कर प्रकाश करते है। सुंदर तरह से फूल व लाइट से सजावट करते है।

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दिवाली कैसे मनाते है

दिवाली पर लोग अपने घरों को साफ करते हैं और सजाते हैं, नए कपड़े खरीदते हैं और स्वादिष्ट भोजन तैयार करते हैं। दिवाली की रात, लोग दीये जलाने, लक्ष्मी पूजा करने और उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए इकट्ठा होते हैं। दिवाली परिवारों और दोस्तों के एक साथ आने और जश्न मनाने का समय है। यह सभी गिले-शिकवे भूल कर नई शुरुआत करने का समय है। दिवाली आनंद और खुशियाँ फैलाने का भी समय है। दिवाली के अवसर पर समृद्ध घर-परिवार के लोग दान देते हैं और जरूरतमंदों की मदद करते हैं।

दीपावली पर निबंध (Diwali par Nibandh) - उपसंहार

दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। कई सप्ताह पूर्व ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। दीपावली का मुख्य उद्देश्य स्वयं के आधार को मिटाकर प्रकाशमय बनाना है। दिवाली पर्व पर लोग महंगे-महंगे पटाखे और फुलझड़ियां खरीदते हैं और आतिशबाजी का लुफ्त उठाते हैं। हमें दीपावली के महत्व और अर्थ को समझने की कोशिश करनी चाहिए, जिससे हमारे जीवन अथवा विचार धारा में वृद्धि हो। आतिशबाजी के दौरान हमे सावधानी बरतनी चाहिए और कहा मानना चाहिए, या कोशिश करनी चाहिए की पटाखों के इस्तेमाल के समय कोई वरिष्ठ व्यक्ति आपके साथ हो। दिवाली जैसे पर्व के कारण ही आज भी हमारे बीच भाईचारा और सौहार्द बना हुआ है।

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दिवाली पर हिंदी में निबंध 10 लाइन (Essay on Diwali in Hindi in 10 Lines)

  • दिवाली या दीपावली एक भारतीय धार्मिक त्योहार है।
  • यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिक है.
  • दुनिया भर में लोग अलग-अलग कारणों और अवसरों पर दिवाली मनाते हैं।
  • दीये, मोमबत्तियाँ जलाना और पटाखे फोड़ना दिवाली उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • दिवाली या शुभ दीपावली न केवल हिंदू समुदाय के बीच बल्कि अन्य धर्मों के लोगों द्वारा भी मनाई जाती है।
  • दिवाली आमतौर पर पांच दिवसीय त्योहार है और इस दौरान भारत में हर साल सोने और नए कपड़ों की बिक्री आसमान छूती है।
  • हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली कार्तिक माह के 15वें दिन मनाई जाती है।
  • अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर महीने में मनाया जाता है।
  • आमतौर पर, दिवाली उत्सव के रूप में स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों के लिए 3 से 4 दिनों की छुट्टियों की घोषणा की जाती है।
  • इस अवसर पर देश भर से परिवार और मित्र एकत्रित होते हैं और आनंदमय समय एक साथ बिताते हैं।
diwali ke bare mein

हिंदी में दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दिवाली के साथ मनाए जाने वाले अन्य त्यौहार

  • दिवाली लगभग 5 दिनों का त्यौहार है, दिवाली से एक दिन पहले लोग धातु की वस्तुएं (सोना, चांदी, पीतल आदि) की खरीदारी करके धनतेरस का त्यौहार मनाते हैं।
  • दिवाली के अगले दिन को लोग छोटी दीपावली के रूप में भी मनाते हैं।
  • दीपावली के तीसरे दिन देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • इसके बाद, दीपावली से ठीक चौथे दिन पर गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने इंद्रदेव के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया था।
  • दीपावली के पांचवे दिन आखिरी पर्व को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है।
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FAQs

दीपावली के बारे में 10 पंक्तियाँ कैसे लिखें?


दीपावली के बारे में 10 पंक्तियाँ कैसे लिखें?

2024 में दिवाली के 5 दिन कौन से हैं?

दिवाली का पूरा कैलेंडर यहां दिया गया है- 

धनतेरस29 अक्टूबर 2024, मंगलवार
नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली)31 अक्टूबर 2024, गुरुवार
लक्ष्मी पूजा (दिवाली महोत्सव)01 नवंबर 2024, शुक्रवार
गोवर्धन पूजा02 नवंबर 2024, शनिवार
भाई दूज03 नवंबर 2024, रविवार

 

दीवापली 2024 कब है? दीपावली कितनी तारीख को है?

शुभ दीपावली का उत्सव कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है और ज्योतिष शाश्त्र के अनुसार इस वर्ष दिवाली 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। 

दीपावली कैसे शुरू हुई?

दीपावली को लेकर कई किस्से हैं लेकिन, हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान राम, रावण को मारकर और 14 वर्षों का वनवास काटकर अयोध्या नगरी वापस लौटे थे, उनके आने की खुशी में अयोध्या वासियों ने घी के दीप जलाए व जश्न मनाया था और तब से भारत में दिवाली की शुरुआत हुई।

दीपावली का क्या अर्थ है?

दिवाली को दीपावली भी कहा जाता है और इसके पीछे कारण यह है कि दीपावली संस्कृत शब्द से लिया गया है, जिसका का अर्थ होता है- दीप + आवलिः (कतार में रखे हुए दिप)।

दीपावली का प्राचीन नाम क्या है?

प्राचीनकाल में दिवाली को दीपोत्सव के नाम से जाना जाता था, जिसका अर्थ है दीपों का उत्सव होता है। 

दीपावली का इतिहास क्या है?

प्राचीन काल से दिवाली को विक्रम संवत के कार्तिक माह में मनाया जा रहा है। पद्म पुराण और स्कन्द पुराण में दिवाली का उल्लेख मिलता है। दिये को स्कन्द पुराण में सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला माना गया है, जो जीवन के लिए प्रकाश और ऊर्जा का लौकिक दाता भी है।

भारत में दिवाली क्यों मनाई जाती है?

उत्तर भारत में लोग मिट्टी के दीयों को जलाकर रावण को हराने के बाद श्री राम की अयोध्या वापसी का जश्न मनाते हैं, जबकि दक्षिणी भारत इसे उस दिन के रूप में मनाता है जब भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को हराया था।

दीपावली का निबंध कैसे लिखते हैं बताइए?

दिवाली पर निबंध हिंदी में लिखकर नमूना के साथ यहां विस्तार में बताया गया है। इच्छुक इस लेख में दिए गए बिंदुओं से अपने लिए बेहतरीन हिंदी में दीपावली पर निबंध तैयार कर सकते हैं। 

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Why can I not apply for LPUNEST? I want to take admission to Bachelor of Business Administration (BBA).

-AshishUpdated on December 22, 2024 01:06 AM
  • 97 Answers
Priyanka karmakar, Student / Alumni

Hello Dear, To get the admission it's not mandatory to apply for admission, I can suggest you that to occupy your seat with confirmation you can pay basic amount of admission fees along with this you can register for LPUNEST. In this program LPUNEST will help you to get the scholarship benifits (if you have no criteria wise percentage in 12th board or national entrance exam). Then if you will score in LPUNEST as per the category then you have to pay the rest fees according to your scholarship scale which you will earn. And this scholarship would be provided …

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Does LPU offer admission to the B Pharmacy course? What is its fee structure and admission criteria?

-Roop KaurUpdated on December 22, 2024 01:18 AM
  • 20 Answers
Priyanka karmakar, Student / Alumni

Yes, LPU offer B Pharmacy course based on your 10+2 percentage with mandatory subject Physics chemistry biology or physics chemistry maths. And for lateral entry a diploma in pharmacy is required. And fees structure vary upon your scholarship scale if you qualify the criteria. And the scholarship will provided to you in every semester as per LPU norms. For more details please visit the LPU official website to connect with the toll-free number to reach the administrative team. Thanks

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I am looking for admission in BCA course, 2024 batch. How can I apply??

-kashish vermaUpdated on December 22, 2024 05:21 PM
  • 1 Answer
Shikha Kumari, Content Team

Hi,

To apply for the BCA course at Xaviers Institute of Computer Application for the 2024 batch, you need to ensure you meet the eligibility criteria set by the institute. This includes having passed your 10+2 examination with 50% aggregate in computer science subject.  You can obtain the application form from the institute's campus or their official website. Complete the application form with accurate and complete information. Attach the necessary documents along with the application form. This includes your 10+2 marksheet, passport-sized photographs, and other relevant certificates. Submit the required application fee as specified by the institute. Submit the completed …

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