डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi) -
एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम (Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam) था। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम जिले में हुआ था। एपीजे अब्दुल कलाम बहुद ही प्रसिद्द और सरल व्यक्तित्व के व्यक्ति थे। एपीजे अब्दुल कलाम 21वीं सदी के सबसे बड़े वैज्ञानिक के रूप में जाने जातेह थे। देश के प्रति उनका प्यार और उनका योगदान अमूल्य रहा है। भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में एपीजे अब्दुल कलाम ने 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक उन्होंने देश सर्वश्रेष्ठ पद पर बैठ कर देश को सेवा दिया।
एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Dr. APJ Abdul Kalam)
लिखने की पूरी प्रक्रिया इस लेख में बताई गई है, इसलिए इस लेख को ध्यान से पढ़ने की सलाह दी जाती है।
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विद्यालयों में छात्रों से अक्सर किसी विषय पर हिंदी में निबंध लिखने के लिए कहा जाता है, ऐसे में
एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Dr. APJ Abdul Kalam)
लिखना बिलकुल उचित विकल्प है और छात्र इस विषय पर हिंदी में निबंध लिख कर अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। आज इस लेख में हम आपको
एपीजे अब्दुल कलाम पर हिंदी में निबंध (Essay on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi)
लिखने के तरीके और मागतवपूर्ण बिंदुओं के बारे में बताएंगे जिससे किसी भी वर्ग का छात्र आसानी से 100, 200 और 500 शब्दों में
एपीजे अब्दुल कलाम पर हिंदी में निबंध (Essay on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi)
लिख सकेगा।
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एपीजे अब्दुल कलाम पर हिंदी में निबंध (Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi) - ऐसे तैयार करें
किसी भी व्यक्ति पर लिखने से पहले उनके बारे में अच्छी तरह जानकारी इकठ्ठा करे लें जैसे की, उनका जन्म कब और कहां हुआ था, उनकी पढाई और और कैसे पूरी हुई, उनके जीवन का संघर्ष, उन्हें किन विषयों से अधिक प्रेम था औरन उनकी उपलब्धि आदि।एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on APJ Abdul Kalam) - 100 से 500 शब्दों में
अवुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम (Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam) जिन्हे लोग एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से जानते थे उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम जिले में हुआ था। उनका जन्म गरीब मुस्लिम परिवार परिवार में हुआ था। उनके पिता जैनुलाब्दीन मारकयार एक नाव के मालिक और एक स्थानीय मस्जिद के इमाम थे, उनकी माँ आशियम्मा एक गृहिणी थीं। कलाम अपने परिवार में चार भाइयों और एक बहन में सबसे छोटे थे। जब वे विद्यालय में अध्ययन कर रहे थे उस वक्त अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उन्हें अखबार तक बेचना पड़ा। अखबार बेचकर वो अपनी शिक्षा की जरूरतों को पूरा भी करते थे और अपने परिवार का सहयोग भी किया करते थे। क्वार्ट्ज़ हायर सेकेंडरी स्कूल, रामनाथपुरम में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, कलाम ने सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली में दाखिला लिया, जो तब मद्रास विश्वविद्यालय से संबद्ध था, जहाँ से उन्होंने 1954 में भौतिकी में स्नातक किया। एपीजे अब्दुल कलाम 1955 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग का अध्ययन करने के लिए मद्रास चले गए। इस दौरान उनका लड़ाकू विमान चालाक बनने का सपना था जो पूरा न हो सका, जिससे वो बेहद निराश थे। मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से स्नातक पूरी करने के बाद उन्होंने DRDO ज्वॉइन कर लिय। यहां से उनके जीवन की दिशा ही बदल गई। बाद में एपीजे अब्दुल कलाम 2022 में देश के 11वें राष्ट्रपति के रूप में चुने गए और उन्होंने पूरी निष्ठा के साथ देश की सेवा की।ये भी पढ़ें - गणतंत्र दिवस 2024 पर भाषण
एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on APJ Abdul Kalam) - देश के प्रति योगदान
एपीजे अब्दुल कलाम का तकनि की क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने का योगदान और भारत और यहां के लोग जीवन में कभी नहीं भूल पाएंगे। एपीजे अब्दुल कलाम ने अग्नि और पृथ्वी जैसे दूर और प्रभाव के साथ मारक क्षमता वाले मिसाइल देश को दिए और यही कारण है कि उन्हें लोग मिसाइल मैन के नाम जानने लगे। एपीजे अब्दुल कलाम ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में शोधकर्ता के रूप में भी अपना योगदान दे चुके हैं।ये भी पढ़ें - राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024
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