- हिंदी पत्र लेखन का महत्व (Importance of Hindi Letter Writing)
- पत्र लेखन के वक्त ध्यान रखने वाली बातें (Things to …
- पत्र लेखन के प्रारूप (Types of Letter Writing)
- औपचारिक पत्र लेखन का प्रारूप (Format of Formal Letter Writing)
- हिंदी में औपचारिक पत्र लेखन के लिए सुझाव एवं नियम …
- अनौपचारिक पत्र लेखन का प्रारूप (Informal Letter Writing Format)
- Faqs
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हिंदी में पत्र लेखन (Hindi Letter Writing):
मानव समाज में जब भी हम एक दूसरे से संपर्क करते हैं, एक खास कला और शैली की जरूरत होती है। ये शैली मौखिक या लिखित हो सकती है।
पत्र लेखन (Letter Writing)
भी एक ऐसी ही शैली है, जिसके माध्यम से दो व्यक्ति एक दूसरे से संपर्क बनाते हैं और अपने विचार को एक दूसरे के साथ व्यक्त करते हैं।
हिंदी पत्र लेखन (Hindi Letter Writing)
कई प्रकार के हो सकते हैं। ये पारिवारिक से व्यापारिक जगत प्रयोग में आता है। पत्र लेखन बहुत ही प्राचीन कला है, या यूं कहें कि विचार और समाचार आदान-प्रदान करने के क्रम में पत्र लेखन दूसरे नंबर पर आता है। पत्र लेखन से पहले लोग अपनी बात पहुंचाने के लिए संदेशवाहक का प्रयोग करते थे, जो मौखिक रूप से एक व्यक्ति का संदेश दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाता था। इसके बाद
हिंदी लेटर राइटिंग पीडीएफ (Hindi Letter Writing PDF)
के माध्यम लोग एक-दूसरे तक अपनी बात पहुंचाने लगे। पत्र लेखन का इतिहास कागज के अविष्कार से भी पहले हो चुका था। कागज के अविष्कार से पहले लोग ताम्रपत्र या पत्ते आदि का उपयोग पत्र लेखन के लिए करते थे।
पत्र लेखन (Letter Writing)
आज भी चलन में है, जब पूरी दुनिया डिजिटल हो गया है, संदेश पहुंचाने का माध्याम बदल गया है, लेकिन पत्र लेखन आज भी जारी है। ताम्रपत्र या पत्ते पर पत्र लेखन से कागज और अब डिजिटल पत्र जिसे ई-मेल भी कहते हैं, समय के साथ इसकी लेखन कला भी बदली है। हम इस लेख में
फॉर्मल लेटर (Formal Letter in Hindi)
और
इनफॉर्मल लेटर (Informal Letter in Hindi)
के प्रारूप के साथ उसके प्रकार और उदाहरण पर चर्चा करेंगे। यहां इस लेख के माध्यम से
कक्षा 8 के लिए हिंदी लेटर राइटिंग (Hindi Letter Writing for Class 8)
,
कक्षा 9 के लिए लेटर राइटिंग (Hindi Letter Writing for Class 9)
और
कक्षा 10 के लिए लेटर राइटिंग (Hindi Letter Writing for Class 10)
लिखना सीख सकते है।
ये भी पढ़ें-
दशहरा पर हिंदी में निबंध
हिंदी पत्र लेखन का महत्व (Importance of Hindi Letter Writing)
आज का युग इंटरनेट का युग है। वर्तमान समय में हिंदी लेटर राइटिंग (Hindi Letter Writing) का महत्व घटता नज़र आ रहा है। लेकिन हिंदी लेटर राइटिंग फॉरमेट (Hindi Letter Writing Format) का महत्व अब भी है। आप नीचे दिए गए लेख की सहायता से हिंदी लेटर राइटिंग फॉरमेट (Hindi Letter Writing Format) का महत्व जान सकते हैं।- सांस्कृतिक संरक्षण - हिंदी पत्र लेखन से हिंदी भाषा को बढ़ावा मिलता है तथा हिंदी भाषा के बढ़ावे से सांस्कृतिक बढ़ावा और सांस्कृतिक संरक्षण होता है।
- संचार कौशल - हिंदी पत्र लेखन की सहायता से हम अपने विचारों को स्पष्ट और प्रभावी रूप से व्यक्त कर सकते हैं।
- हिंदी भाषा में सुधार - हिंदी पत्र लेखन के अभ्यास से हमारी हिंदी की शव्दावली, व्याकरण में सुधार होता हैं जिससे हमारी हिंदी भाषा में सुधार होता है।
- पर्सनल कनेक्शन - हिंदी पत्र लेखन के माध्यम से पत्र लिखने वाले तथा जिसे पत्र प्राप्त होता है उनके बीच रिश्तो को बढ़ावा मिलता है।
- दस्तावेज के रूप में - जब हम कोई पत्र लिखते है तो वह भविष्य तक के लिए एक दस्तावेज के रूप में या सबूत के तौर पर सुरक्षित हो जाता है।
पत्र लेखन के वक्त ध्यान रखने वाली बातें (Things to Keep in Mind While Writing Letters)
जब भी हम पत्र लिखते हैं, हमें कुछ बातों का ध्यान रखना होता है। जैसे पत्र में हमारी भाषा शालीन और प्रभावपूर्ण रहे। पत्र लिखते समय यह स्पष्ट होना चाहिए कि हम पत्र किसके लिए लिख रहे हैं। पत्र में पत्र लिखने का कारण स्पष्ट होना चाहिए। इन सबके अलावा ध्यान रखें कि पत्र में किसी बात की एक से अधिक बार पुनरावृत्ति ना हो, इससे पत्र पढ़ने वाले पर निगेटिव प्रभाव पड़ता है। साथ ही वह बोझिल लगने लगता है।निबंध संबधित आर्टिकल पढ़ें-
पत्र लेखन के प्रारूप (Types of Letter Writing)
हिंदी पत्र लेखन (Letter Writing in Hindi) को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा गया है। औपचारिक पत्र लेखन और अनौपचारिक पत्र लेखन (Formal and Informal letter in Hindi) ।औपचारिक पत्र लेखन (Formal Letter): औपचारिक पत्र में किसी सरकारी या व्यवसायिक संस्था या किसी अधिकारी द्वारा किसी व्यक्ति या संस्थान को लिखा जाता है। इस तरह के पत्र को सरकारी कार्यालयों के बीच पत्र व्यवहार के लिए लिखा जाता जाता है।
अनौपचारिक पत्र लेखन (Informal Letter): अनौपचारिक पत्र हिंदी लेखन (Informal Letter Writing in Hindi) में किसी निजी रिश्तेदार, मित्र, माता-पिता को संबोधित किया जाता है। अनौपचारिक पत्र फॉरमेट (Anaupcharik Patra Format) लेखन में बधाई संदेश, निमंत्रण, शोक संदेश निजी समाचार वगैरह शामिल होता है।
औपचारिक पत्र (Formal Letter): सरकारी और व्यावसायिक कार्यों से संबंध रखने वाले पत्र औपचारिक पत्र होते हैं। इसके अलावा निम्नलिखित पत्रों को भी औपचारिक पत्र में शामिल किया जाता है।
- प्रार्थना पत्र
- निमंत्रण पत्र
- सरकारी पत्र
- गैर सरकारी पत्र
- व्यावसायिक पत्र
- किसी अधिकारी को लिखे पत्र
- नौकरी के लिए आवदेन
- संपादक के नाम पत्र
औपचारिक पत्र लेखन का प्रारूप (Format of Formal Letter Writing)
औपचारिक पत्र या फॉर्मल लेटर फॉरमेट (Formal Letter Format) लिखने की शुरुआत हमेशा बाईं ओर से होती है। पत्र में सबसे पहले "सेवा में" लिखते हैं, जिसके बाद हम जिसे पत्र लिख रहे होते हैं, उनका नाम और पद से संबोधित करते हैं। नाम के साथ हम "श्रीमान", "मान्यवर" और "आदरणीय" जैसे शब्द से उन्हें संबोधित करते हैं।- औपचारिक पत्र पर पत्र पाने वाले का पता लिखा जाता है।
- इसके बाद पत्र लिखने का उद्देश्य बताया जाता है। इसे "विषय" के रूप में वर्णित किया जाता है।
- विषय लिखने के बाद पत्र पाने वाले के लिए फिर से "श्रीमान", "मान्यवर" और "आदरणीय" जैसे शब्द से संबोधित करते हुए पत्र लिखना शुरू करते हैं।
- संबोधन लिखने के बाद पत्र के मुख्य विषय के बारे में विस्तार से लिखते हैं।
- मुख्य विषय लिखने के बाद सधन्यवाद, शेष कुशल आदि का प्रयोग करते हैं।
- इसके बाद पत्र के अंतिम भाग में "भवदीय, आपका आभारी, आपका आज्ञाकारी" जैसे शब्द का प्रयोग करते हैं।
- अंत में पत्र भेजने वाले का नाम, पता और तारीख का उल्लेख करते हैं।
- जरूरत पड़ने पर पत्र के अंत में लिखने वाले का हस्ताक्षर भी हो सकता है।
हिंदी में औपचारिक पत्र लेखन के लिए सुझाव एवं नियम (Hindi Formal Letter Writing Suggestion and Rules)
अगर आपको हिंदी पत्र लेखन (Hindi Letter Writing) में समस्या आती है या आपको हिंदी औपचारिक पत्र लेखन (Hindi Formal Letter) नहीं आता तो निम्न बातो का ध्यान रखें जिससे आप औपचारिक पत्र लिख पाएंगे।
- औपचारिक पत्र या फॉर्मल लेटर के प्रारूप में बदलाब न करें।
- हिंदी लेटर राइटिंग फॉर्मल लेटर की शुरआत 'सेवा में' शव्द से करें।
- औपचारिक पत्र में जिसे लेटर लिखा जा रहा है उनके नाम के स्थान पर पद का प्रयोग करें।
- औपचारिक पत्र में जहाँ लेटर भेजना है वहां का पता अच्छे से लिखें।
- हिंदी पत्र लेखन में आज्ञाकारी, धन्यबाद आदि शव्दो का प्रयोग करें।
व्यवस्थापक महोदय
एनसीईआरटी, नई दिल्ली
विषय:- कक्षा 9वीं से संबंधित विषय की किताबें मंगवाने हेतु
सविनय निवेदन है कि पत्र में बताई गई पुस्तकों को ट्रांसपोर्ट कंपनी के द्वारा तुरंत भेजने की व्यवस्था करें, संबंधित पुस्तकों का विवरण हमने नीचे दिया है।
हिंदी व्याकरण:- 1 प्रति
English Grammar:- 1 प्रति
गणित:-1 प्रति
सामान्य ज्ञान:-1 प्रति
तर्कशक्ति:- 1 प्रति
धन्यवाद
पुस्तक भेजने का पता:-
नालंदा, बिहार
भवदीय
एनसीईआरटी
नई दिल्ली
दिनांक:- 15 मार्च 2023
अनौपचारिक पत्र लेखन (Informal Letter): इनफॉर्मल लेटर फॉरमेट (Informal Letter Format) लेखन में उन पत्रों को शामिल किया जाता है, जो अपने प्रियजनों, मित्रों और सगे-संबंधियों को लिखे जाते हैं। इसमें बधाई पत्र, शोक संदेश पत्र, सुखद संदेश पत्र या निजी विचार वाले पत्र शामिल हैं।
- सामाजिक पत्र
- बधाई पत्र
- शोक संदेश पत्र
- सुखद संदेश पत्र
अनौपचारिक पत्र लेखन का प्रारूप (Informal Letter Writing Format)
- अनौपचारिक पत्र लेखन में सबसे पहले बाईं ओर पत्र भेजने वाले का पता लिखा जाता है।
- इसके बाद पते के नीचे पत्र लिखने की तारीख लिखी जाती है।
- हां, पत्र भेजने वाले का नाम के साथ अगर किसी बड़े को पत्र लिखा जा रहा है तो, "पूजनीय, आदरणीय" जैसे शब्द से संबोधित किया जाता है। जैसे- पूजनीय पिता जी/पिता जी। किसी छोटे या बराबर के शख्स को पत्र लिख रहे हैं तो उनके नाम के साथ प्रिय मित्र/भाई/बंधु जैसे शब्द का प्रयोग करते हैं।
- इसके बाद पत्र को दो भाग में लिखते हैं।
- पत्र के पहले यानी मुख्य भाग में कुशलता की प्रार्थना करते हुए समाचार/संदेश को लिखते हैं।
- दूसरे भाग में पत्र का जवाब और वहां के हालात के बारे में सूचना मांगते हैं।
- दोनों भाग के समाप्ति के बाद धन्यवाद लिखते हैं।
- अंत में प्रार्थी या तुम्हारा स्नेही जैसे शब्दावली का प्रयोग करते हैं।
पटना,
15 मार्च, 2023
प्रिय शांता,
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धन्यवाद,
तुम्हारा प्रिय मित्र
मुन्ना कुमार सिंह
यदि आपको कोई संदेह या प्रश्न है, तो आप हमारे QnA section विशेषज्ञों से बात कर सकते हैं। एजुकेशन न्यूज से संबंधित तमाम जानकारी और अपडेट के लिए हमारे साथ CollegeDekho पर बने रहें।
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FAQs
पत्र लेखन की कला सदियों से चली आ रही है और इसे एक विचार को संप्रेषित करने का पारंपरिक तरीका माना जाता है।
- एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को प्रेषित लिखित संदेश - हाथ से लिखा हुआ या कागज पर मुद्रित ।
- आम तौर पर प्राप्तकर्ता को डाक या लिफाफे में डाक के माध्यम से भेजा जाता है, हालांकि यह एक आवश्यकता नहीं है।
- इसमें अनावश्यक बातों (कुशलक्षेम आदि) का उल्लेख नहीं किया जाता
- पत्र का आरंभ व अंत प्रभावशाली होना चाहिए
- पत्र की भाषा-सरल, लेख-स्पष्ट व सुंदर होना चाहिए
- यदि आप कक्षा अथवा परीक्षा भवन से पत्र लिख रहे हैं, तो कक्षा अथवा परीक्षा भवन (अपने पता के स्थान पर) तथा क० ख० ग० (अपने नाम के स्थान पर) लिखना चाहिए।
अनौपचारिक पत्र प्रारूप-
- लेखक का पता,
- दिनांक
- अभिवादन या अभिवादन
- संदेश वाले पत्र का मुख्य भाग
- निष्कर्ष और प्रेषक/लेखक के हस्ताक्षर
पत्र प्रारूप के लिए याद रखने योग्य महत्वपूर्ण बिंदु-
- हमेशा पत्र प्रारूप का पालन करें
- पैराग्राफ के बीच एक लाइन छोड़ें
- परिचय पत्र लिखने का कारण स्पष्ट रूप से बताना चाहिए
अनौपचारिक पत्र प्रारूप-
- लेखक का पता,
- दिनांक
- अभिवादन या अभिवादन
- संदेश वाले पत्र का मुख्य भाग
- निष्कर्ष और प्रेषक/लेखक के हस्ताक्षर
पत्र प्रारूप के लिए याद रखने योग्य महत्वपूर्ण बिंदु-
- हमेशा पत्र प्रारूप का पालन करें
- पैराग्राफ के बीच एक लाइन छोड़ें
- परिचय पत्र लिखने का कारण स्पष्ट रूप से बताना चाहिए
एक अच्छा और औपचारिक लेटर लिखने के लिए अच्छे शव्दों का प्रयोग करें। लेटर में सम्मान प्रदान करें। सर तथा महोदय जैसे शव्दो का प्रयोग करें।
हिंदी पत्र लिखें के लिए आपको हिंदी भाषा का ज्ञाता होना जरूरी नहीं है। अगर आपको सामान्य हिंदी भाषा का ज्ञान है तो आप हिंदी पत्र लिख सकते हैं।
नहीं, हिंदी में पत्र लिखना कठिन नहीं है अगर आपको थोड़ा हिंदी भाषा का ज्ञान है और लेटर फॉर्मेट के बारे में पता है तो आप अच्छा हिंदी पत्र लिख सकते हैं।
हिंदी में पत्र लिखना काफी सरल होता है। आपको हिंदी में पत्र लिखते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- आपकी भाषा सरल तथा स्पष्ट होनी चाहिए
- पत्र में शिष्टाचार होनी चाहिए
- पत्र में आपकी भावनाएं व्यक्त होनी चाहिए
- पत्र में बेकार की बात नहीं होनी चाहिए
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